एक वक्त था जब, कंगारुओं से सभी टीम के खिलाड़ी कांपते थे, डरते थे, मैच के दौरान अंदर ही अंदर हार मान बैठते थे, पूरे मैच में एक कप्तान जीतने की तो सोच ही नहि सकता था, सिर्फ ये सोचता था मैच के बाद क्या बोलूंगा,
शिवेंद्र तिवारी एक वक्त था जब, कंगारुओं से सभी टीम के खिलाड़ी कांपते थे, डरते थे, मैच के दौरान अंदर ही अंदर हार मान बैठते थे, पूरे मैच में एक कप्तान जीतने की तो सोच ही नहि सकता था, सिर्फ ये सोचता था मैच के बाद क्या बोलूंगा, उस वक्त में अगर ऑस्ट्रेलिया को कोई…