किया गया था जनता को पूर्ण रूपेण समर्पित, लेकिन नगर निगम अब अपने वायदे से मुकर रहा
विशेष संवाददाता, रीवा
रीवा का अटल पार्क जिसे पहले जनता के लिए नि:शुल्क समर्पित किया गया था, अब प्रवेश शुल्क के साथ संचालित होगा। इस संबंध में ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अटल पार्क को मूल रूप से योग, व्यायाम, ध्यान और सामाजिक समारोहों के लिए एक मुफ्त और सुलभ स्थान के रूप में जनता को समर्पित किया गया था। यह पार्क पहले 24 घंटे खुला रहता था और प्रेस कॉन्फ्रेंस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और संगीत आयोजनों सहित विभिन्न गतिविधियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान था।
नई निविदा प्रक्रिया के अनुसार, पार्क सुबह 6 बजे से 8 बजे तक केवल दो घंटे के लिए ही नि:शुल्क रहेगा।
इस समय के बाद प्रवेश के लिए शुल्क लिया जाएगा। अधिवक्ता बी.के. माला ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है, उनका कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे सार्वजनिक व्यक्ति के नाम पर एक सार्वजनिक पार्क का अब निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि नगर निगम के पास पार्क का प्रबंधन और रखरखाव बिना कर लगाए करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी और संसाधन हैं।
अधिवक्ता माला ने यह भी चिंता व्यक्त की कि पार्क का उपयोग अंतत: निजी कार्यक्रमों जैसे शादियों के लिए किया जा सकता है, जैसा कि राज कपूर ऑडिटोरियम के साथ हुआ, जिसे मूल रूप से सार्वजनिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए बनाया गया था, लेकिन अब मुख्य रूप से शादियों के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्क नगर निगम के नियंत्रण में रहना चाहिए और पहले की तरह 24 घंटे जनता के लिए नि:शुल्क रहना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि रीवा में इको पार्क, रानी तालाब और संजय गांधी पार्क जैसे अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पहले से ही शुल्क लगता है, और जनता को हर चीज के लिए कर नहीं देना चाहिए।