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सतना। पूर्व विधायक एवं सर्वहारा वर्ग के नेता शंकरलाल तिवारी का निधन।दिल्ली एम्स में उनका चल रहा था इलाज। एक सप्ताह से वे बोल नहीं पा रहे थे। लिहाजा कागज में लिख कर संवाद कर रहे थे। कल ही उन्होंने इसी संवाद शैली में पर्ची में खुद को सतना ले चलने की बात कही थी।

शिवेंद्र तिवारी 9179259806

दुखद खबर
सतना।पूर्व विधायक एवं सर्वहारा वर्ग के नेता शंकरलाल तिवारी का निधन।दिल्ली एम्स में उनका चल रहा था इलाज। एक सप्ताह से वे बोल नहीं पा रहे थे। लिहाजा कागज में लिख कर संवाद कर रहे थे। कल ही उन्होंने इसी संवाद शैली में पर्ची में खुद को सतना ले चलने की बात कही थी।

शंकरलाल तिवारी बेबाक शैली के लिए जाने जाते थे।
इनका जन्म 8 अप्रैल 1953 को चकदही गांव में हुआ था। सतना के सुभाष चौक पर पुस्तैनी मकान में परिवार के साथ रहते हैं। पत्नी सुषमा तिवारी, तीन बेटे राजनारायण, आशीष व पुनीत साथ में रहते हैं। एक बेटी विजयश्री हैं। शंकरलाल से ही परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि शुरू होती है।
शंकर लाल बचपन से ही संघ से जुड़ गए थे।
1975 तक स्थानीय स्तर पर युवा व बेबाक नेता की छवि बना चुके थे। आपातकाल में जेल गए। इस तरह मीसाबंदी के रूप में 18 माह तक जेल में रहे। इन्हें रीवा, टीकमगढ़ और सतना की जेल में रखा गया था। जब बाहर आए तो संघ और भाजपा की राजनीति में सक्रियता बढ़ा दी। इसके बाद जिलास्तर पर पार्टी में विभिन्न पदों पर दायित्व निभाते रहे हैं।2003 से लगातार विधायक शंकर लाल ने पहला चुनाव 1998 में निर्दलीय लड़ा था। 2003, 2008 और 2013 में भाजपा से चुनावी मैदान में रहे।
और तीन बार लगातार सतना से विधायक चुने गए।

पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी के निधन पर महापौर योगेश ताम्रकार ने जताया दुःख*

उन्होंने कहा, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक, परम आदरणीय श्री शंकरलाल तिवारी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।

साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई थी। तीन बार सतना से विधायक रहकर भी उन्होंने हमेशा जमीनी नेता के रूप में अपनी सादगी और जनता से जुड़ाव बनाए रखा।

महापौर ने आगे कहा, मुझे सदैव उनका आशीर्वाद मिलता रहा। उनके निधन से मैं व्यक्तिगत रूप से बेहद दु:खी हूँ।

सर्वशक्तिमान ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों को यह असहनीय दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें

संघर्ष और समर्पण की राजनीतिक पहचान हमेशा के लिए खामोश हो गई –
सतना।पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी जी जैसे
हमारे बीच से एक संघर्षशील, निडर और प्रेरणादायक व्यक्तित्व का जाना अत्यंत दुःखद है। उन्होंने जीवनभर कठिन परिस्थितियों में भी अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया और समाज के लिए एक मिसाल कायम की।
उनका संघर्ष, समर्पण और कर्मठता सदैव याद रखी जाएगी।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को यह असहनीय दुःख सहने की शक्ति दें।
उर्मिला त्रिपाठी
कांग्रेस नेत्री

सतना के जननायक शंकरलाल तिवारी: एक युग का अवसान
सतना की माटी ने आज अपने सच्चे सपूत, शंकरलाल तिवारी को खो दिया। उनका निधन न केवल एक व्यक्ति का जाना है, बल्कि संघर्ष, शालीनता और जनसेवा के एक युग का अंत है। गरीब और सर्वहारा वर्ग के लिए समर्पित शंकरलाल ने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हमेशा बुलंद आवाज उठाई। फर्श से अर्श तक का उनका सफर प्रेरणा का अनुपम उदाहरण है। सियासत में फकीर की तरह जीने वाले इस जननायक ने कभी परिवार की चिंता किए बिना जनसेवा को प्राथमिकता दी। शंकरलाल तिवारी कद्दावर नेताओं के सामने कभी झुके नहीं। उनकी सादगी, स्पष्टवादिता और आमजन से गहरा जुड़ाव उन्हें सतना का सच्चा लाल बनाता था। कोई प्रोटोकॉल, कोई औपचारिकता नहीं—वे हमेशा एक आम आदमी बने रहे। उनकी खामोश विदाई उतनी ही मार्मिक है, जितना उनका जीवन प्रेरणादायी था।

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