Headlines

बेलपत्र का महत्व

शिवेंद्र तिवारी 9179259806

सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र तो आपने चढ़ाया होगा या किसी को चढ़ाते हुए देखा होगा पर क्या आप जानते हैं क्यो चढाते हैं।
बेलपत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र कहते हैं।बेल का आयुर्वेद में बड़ा महत्व है और इससे अनेक औषधियां बनाई जाती हैं। इसमें एक साथ संयुक्त तीन पत्तियां होती हैं। इसके अनेक प्रतीक होते हैं जो निम्नलिखित हैं

१- इसकी पत्तियां त्रिदेव अर्थात
ब्रह्मा विष्णु महेश का प्रतीक होती हैं।
२- तीन गुणों रज तम और सत का प्रतीक हैं
३- यह शिवजी के त्रिनेत्र (तीन आंखें) दो सामने और एक मस्तक पर का प्रतीक होती हैं।
४- बिल्व पत्र का आकार शिवजी के त्रिशूल की तरह होता है।
यह तो हुई प्रतीकों की बात अब जान लीजिए कि इसके औषधीय गुणों की खोज माता पार्वती जी ने किया था और सबसे पहले प्रयोग भी उन्हीं ने किया था।

जब समुद्र मंथन से निकले विष का पान शिवजी ने किया था तब उनके शरीर का तापमान अचानक बढ़ने लगा जिससे सृष्टि के विनाश का संकट उत्पन्न हो गया घबराए देव गणों को कोई उपाय नहीं सूझा।

जल्दी-जल्दी में सबसे सरल उपाय मिला कि इन्हें जल से स्नान कराया जाय पर इससे प्रक्रिया लंबी खिंचने लगी।तब माता पार्वती से समीप स्थित बेल की पत्तियां तोड़कर चढ़ाने का आदेश दिया और पहली पत्ती स्वयं चढ़ाया। इसका परिणाम आश्चर्यजनक रहा और भगवान भोलेनाथ शीघ्र होश में आ गए।अब कारण सुनिए बेल पत्र के औषधीय गुण का। यह विष नाशक होता है। इसके चढ़ाने से शिवजी को सुख प्राप्त होता है और मां पार्वती भक्त पर अति प्रसन्न होती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *