शिकायतों के बाद भी क्षेत्रीय कार्यालय में नहीं होती है सुनवाई
जांच पूरी होने के बाद भी जिम्मेदार तक नहीं पहुंच पाई फाइल
नगर प्रतिनिधि, रीवा
उच्च शिक्षा विभाग इन दिनों अनियमितताओं के दौर से गुजर रहा है। जहां सारे नियम कायदों को दर-किनार कर उच्च पदों में प्रभार देने की होड़ लगी है वहीं अनियमितता करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को बचाने का पूरा प्रयास किया जाता है। मनगंवा महाविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार की जांच पूरी होने के बाद भी क्षेत्रीय कार्यालय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा संभाग रीवा में दबी पड़ी हुई है। जबकि जांच समाप्त होते ही इस जांच फाईल को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था।
अब तक नहीं पहुंची कलेक्टर तक फाइल
अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग रीवा संभाग रीवा अपने शिष्य को क्षमा दान देने का लागने लगे जुगाड़ जब की कलेक्टर के निर्देश पर उनको जांच नही शौपी गई एक महीने तक कलेक्टर के आदेश को दवा के रखा गया जब मीडिया में यह उछाला गया तो आनन फानन में कमेटी बनाकर जांच कराई गई जांच कमेटी द्वारा अपने समय सीमा में जांच कर जांच रिपोर्ट अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग को सौंप दी गई इसके बावजूद अतिरिक्त संचालक डा. आरपी सिंह एवं वहां के बाबू द्वारा महाविद्यालय मनगवां के प्राचार्य को अभयदान देने का रास्ता खोजने लगे जबकि जांच रिपोर्ट रीवा कलेक्टर को सौपी जानी थी मगर अतिरिक्त संचालक डॉक्टर आरपी सिंह की शिष्या होने के नाते अपने गुरु का फर्ज बखूबी निभा रहे हैं चाहे जितनी जांच कर लो चाहे जितनी शिकायत कर लो चाहे छात्रों का भविष्य ही क्यों ना चौपट हो जाए जब तक मैं अतिरिक्त संचालक के पद पर बैठा हूं मनगांव प्राचार्य का कोई कुछ नहीं कर सकता अतिरिक्त संचालक के बाबू एवं उच्च अधिकारी घिसे पिटे हथकंडे अपनाने को तैयार है।
प्राचार्य को खुली छूट
अतिरिक्त संचालक शिक्षा विभाग में कई बार शिकायती पत्र सोपने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती है पता नहीं क्यों महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा एक ही आदमी से महाविद्यालय के सारे कार्य कराए जाते हैं चाहे वह बाथरूम लाइट का कार्य कैमरा लगवाना स्टेशनरी मंगाना आरो लगवाना हो महाविद्यालय के सारे कार्य एक ही आदमी राजेश समदडिय़ा द्वारा ही किया जाता है और सारे कार्य के अलग-अलग बिल लगाकर महाविद्यालय का खजाना खाली कराया जाता है।
मंनगवां के ग्रामीण छात्रों के लिए खोले गए महाविद्यालय में छात्रों के साथ खिलवाड़ होरहा है जहां पर अधिकतर किसान के अध्यनरत बच्चे हैं इस अनियमितता को लेकर सामाजिक संगठन भारतीय किसान संघ सामने आया और मनगवा में एकमात्र शासकीय महाविद्यालय है जिस पर 90त्न लोग ग्रामीण किसानों के बच्चे अध्ययन करते हैं किंतु शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां पर पदस्थ प्राचार्य एवं उनके मातहतों द्वारा बच्चों की भविष्य के साथ लगातार 2 वर्षों से खिलवाड़ कर रहे है बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो रही और इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट मीडिया द्वारा मुद्दे को उठाया जाता रहा है किंतु अपनी राजनीतिक रसूख रखने के कारण कोई भी कार्यवाही नहीं होती है सबको मलाई खाने को जो मिल रही है जिसको देखते हुए भारतीय किसान संघ जिला रीवा के मीडिया प्रभारी ने बिगत दिनों कलेक्टर को ज्ञापन सौंपक स्थिति से अवगत कराया।
वरिष्ठता का नहीं है कोई ध्यान
रीवा विश्वविद्यालय अंतर्गत लगभग ऐसे ७२ महाविद्यालय हैं जहां नियमित प्रचार्य नहीं बल्कि प्रभार की बैशाखी पर कॉलेज चल रहे हैं। प्रचार्य प्रभार सौंपने भी उच्च शिक्षा विभाग के गाइड लाइनों का पालन नहीं किया गया है। इतना ही नहीं वर्तमान में क्षेत्रीय कार्यालय अतिरिक्त संचालक का जिन्हें प्रभार दिया गया है वह भी विवादों के घेरे में हैं। बताया गया है कि एपीएस रीवा के अंदर ऐसे पचासों प्राध्यापक हैं जो राजेन्द्र सिंह से सीनियर हैं लेकिन सभी नियमों को शिथिल करते हुए वरिष्ठता का वगैर ध्यान रखे राजेन्द्र ङ्क्षसह को अतिरिक्त संचालक का प्रभार सौंप दिया गया है।