वटसवित्री व्रत कथा
शिवेंद्र तिवारी तपती गर्मी का समय था. घने जंगल में एक बरगद के पीड़े के नीचे एक स्त्री बैठी थी. वह नवविवाहिता लग रही थी, उसकी गोद में पति का सिर था, जिसे वह सहला रही थी. भीषण गर्मी से परेशान और सिर में दर्द के कारण वह लकड़ी काटना छोड़ कर पेड़ से नीचे…