रघुबीर यादव के रिश्तेदार इनके पिता से कहते थे कि देखना, अब वो कोई चोर बनकर घर लौटेगा। वही लोग अब 20 साल बाद कहने लगे थे कि हम तो पहले ही कहते थे कि रघुबीर कुछ बनकर ही गांव वापस लौटेगा।
शिवेंद्र तिवारी रघुबीर यादव के घर वाले चाहते थे कि ये पढ़-लिखकर कोई बढ़िया सी नौकरी कर लें। इसलिए ज़बरन इनके पिता ने इन्हें साइंस में दाखिला दिलाया। घर वालों का मानना था कि अगर लड़का साइंस से पढ़ेगा तो अच्छी नौकरी इसे मिलेगी। अच्छी लड़की भी मिल जाएगी। लेकिन रघुबीर ठहरे सीधा-सादा बच्चा। एक…