“अकेला चना भी बेशक भाड़ फोड़ सकता है”
शिवेंद्र तिवारी– 9179259806 वर्ष 1979 में जाधव 10 वीं की परीक्षा देने के बाद अपने गाँव में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का पानी उतरने पर इसके बरसाती भीगे रेतीले तट पर घूम रहे थे। तभी उनकी नजर लगभग 100 मृत सांपों के विशाल गुच्छे पर पड़ी आगे बढ़ते गए तो पूरा नदी का किनारा मरे…