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सावन में क्यों नहीं खानी चाहिए कढ़ी, क्या है इसके पीछे छिपा कारण

शिवेंद्र तिवारी बस कुछ ही घंटे में सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो जाएगी। सावन का महीना इस बार 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलने वाला है। इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पांच सोमवार मिलने वाले हैं। सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित…

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सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।…

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असाधारण शख्स “डॉ विश्वेश्वरैया”

शिवेंद्र तिवारी 9179259806 एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था।डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था। वे सभी उस भारतीय का मजाक उड़ाते जा रहे थे। कोई कह रहा था, देखो कौन नमूना…

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नीम

शिवेंद्र तिवारी नीम के स्वास्थ्यवर्धक फायदे : नीम हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह रोगों के निदान में तो प्रयोग होता ही है, सौंदर्य प्रसाधनों का भी यह महत्‍वपूर्ण हिस्सा है। नीम के पेड़ के विभिन्‍न हिस्सों जैसे पत्ते, छाल, फल, तेल आदि हमारे जीवन को रोगमुक्त बनाने में सहायक होते हैं।…

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सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया, शरीर के लिए Best Alkalizer है :-

सेंधा नमक : भारत से कैसे गायब कर दिया गया, शरीर के लिए Best Alkalizer है :-आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते हैं कि नमक मुख्य कितने प्रकार होते हैं। एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock salt) । सेंधा…

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आज विश्व संगीत दिवस भी..

किस विवशता के चलते रामचन्द्र को छोड़ अकबर के दरबार पहुंचे तानसेन!पुनर्वालोकन/जयराम शुक्ल विधिना यह जिय जानि के शेषहि दिये न कान।धरा मेरू सब डोलि हैं, सुनि तानसेन की तान।। अर्थात- “ब्रह्मा ने यह जानकर ही शेषनाग को कान नहीं दिए क्योंकि तानसेन की तान से मुदित होकर शेषनाग नाचने लगते व पहाड़ों समेत यह…

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योग दिवस पर विशेष

पतञ्जलि (पतंजलि) योग सूत्र क्या है? पतञ्जलि (पतंजलि) योग सूत्र में महर्षि पतञ्जलि (पतंजलि) ने विभिन्न ध्यानपारायण अभ्यासों को सुव्यवस्थित कर उनकों सूत्रों में संहिताबद्ध किया है। यह सूत्र योग के आठ अंगों को दर्शाते है। इसमें कुल १९५ सूत्र है जिन्हे ४ पदों में विभाजित किया गया है। समाधि पद – इसमें ५१ सूत्र…

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पत्तल और एक सामाजिक पहल…….

जिस पर विचार करना हमारा सामाजिक कर्तव्य है…..एक बहुत छोटी सी बात है पर हमने उसे विस्मृत कर दिया हमारी भोजन संस्कृति, इस भोजन संस्कृति में बैठकर खाना और उस भोजन को “दोने पत्तल” पर परोसने का बड़ा महत्व था एक समय तक रहा, कोई भी मांगलिक कार्य हो उस समय भोजन एक पंक्ति में…

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धर्म में है राष्ट्र जीवन का प्रवाह : स्वामी विवेकानंद

धर्म में है राष्ट्र जीवन का प्रवाह : स्वामी विवेकानंद~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटलस्वामी विवेकानन्द भारतीय चिति के एक ऐसे महापुरुष हैं जिनके विचारों एवं दर्शन की झंकृति ह्रदय की चैतन्यता को जागृत कर देती हैं।उनका नाम स्मरण में आते ही ऊर्जा की तरंगें मनमस्तिष्क में आलोड़ित होने लगती हैं।स्वामी जी एक ऐसे युगदृष्टा महापुरुष हैं…

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