*”#शिवतांडवस्तोत्र”*
*जटाटवी गलज्जल प्रवाह पावित स्थले,**गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंग तुंग मालिकाम्।**डमड्डमड डमडडममि नादन दव ड्डमर्वयं,**चकार चण्ड ताण्डवं तनोतु न: शिव भ्रम शिवम्॥* *जटा कटाह सम्भ्रम भ्रमन्निलिम्पनिर्झरी,**विलोल वीचि वल्लरी विराजमान मूर्ध्दनि।* *धगद् धगद् धगज्जवललाट पट् पावके,**किशोर चन्द्रशेखरे रति: प्रतिक्षणं मम्॥* *धराधरेन्द्र ननन्दिनी विलास बन्धु बन्धुर,**स्फुरदि् द्गन्त सन्तत प्रमोद मान मानसे।**कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि,**क्वचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि॥*…