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दो नहीं डेढ़ साल की होगी पढ़ाई, छ: माह का होगा व्यवहारिक ज्ञान रीवा साहित दस वेटरनरी कॉलेजों का बदलेगा पाठ्यक्रम

वेटरनरी कॉलेज और अस्पताल में लेंगे प्रशिक्षण
13 वर्षों तक डिप्लोमा पाठ्यक्रम में नहीं किया गया बदलाव
शासकीय कॉलेज सहित 5 निजी कॉलेजों को किया गया है शामिल

नगर प्रतिनिधि, रीवा

नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रदेशभर में संचालित वेटरनरी डिप्लोमा कालेज के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अब डेढ़ साल की पढ़ाई होगी और शेष छह माह व्यावहारिक ज्ञान को समाहित किया जाएगा। इस कोर्स को तैयार करने में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य वेटरनरी विश्विविद्यालय के विशेषज्ञों की मदद ली गई है।
नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रदेशभर में संचालित वेटरनरी डिप्लोमा कालेज के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अब डेढ़ साल की पढ़ाई होगी और शेष छह माह व्यावहारिक ज्ञान को समाहित किया जाएगा। इस कोर्स को तैयार करने में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य वेटरनरी विश्विविद्यालय के विशेषज्ञों की मदद ली गई है।
2011 में प्रदेश में पहली बार वेटरनरी डिप्लोमा कालेज शुरू किए गए थे
दरअसल 2011 में प्रदेश में पहली बार वेटरनरी डिप्लोमा कालेज शुरू किए गए थे, तब से अब तक एक भी बार डिप्लोमा कोर्स में कोई बदलाव नहीं किया गया। यह पहला मौका है, जिसमें न सिर्फ बदलाव किया गया है, बल्कि पूरे कोर्स को रोजगार उन्मूलक बनाया गया है। 2024-25 के नए सत्र से नए कोर्स को लागू कर दिया जाएगा, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी तैयारी पूरी कर ली है।
पांच शासकीय-पांच निजी कालेज
विश्वविद्यालय के अंतर्गत 10 वेटरनरी डिप्लोमा कालेज हैं, जिसमें पांच शासकीय और पांच निजी कालेज हैं, इनमें शासकीय कालेज में जबलपुर, महू, भोपाल, रीवा और मुरेना में कालेज का संचालन किया जा रहा है, वहीं निजी कालेज में इंदौर, ग्वालियर, भिंड, झाबुआ और विदिशा शामिल हैं। शासकीय और निजी, दोनों में एक ही पाठ्यक्रम का संचालन होता है। नए बदलाव का असर दोनों कालेजों में होगा। हालांकि शासकीय कालेज की तुलना में निजी कालेज के शैक्षणिक और व्यावहारिक स्तर में खामिया मौजूद हैं। इन सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रशासन में पाठ्यक्रम में बदलाव करने का निर्णय लिया गया।
यह किया गया बदला
दो वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्री वेटरनरी डिप्लोमा टेस्ट हर साल प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड लेता है। हर साल इस परीक्षा में लगभग 4 हजार से ज्यादा उम्मीदवार शामिल होते हैं, लेकिन प्रवेश आठ सौ को मिलता है। पांच सौ सीट शासकीय वेटरनरी डिप्लोमा कालेज की हैं और शेष निजी डिप्लोमा कालेज की। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में वेटरनरी क्षेत्र से जुड़े हर विषयों का अध्ययन कराया जाता है, व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। व्यावहारिक के नाम पर सिर्फ प्रयोगशाला में प्रैक्ट्किल ही लिया जाता है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में डेढ़ साल में तीन सेमेस्टर किताबी ज्ञान दिया जाएगा, शेष एक सेमेस्टर में व्यावहारिक ज्ञान मिलेगी। व्यावहारिक ज्ञान में छात्रों को वेटरनरी विश्वविद्यालय, कालेज और हास्पिटल में इंटर्नशिप कराई जाएगी। पशुओं के इलाज से लेकर दवाइयों का ज्ञान और पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान करने का तरीका बताया जाएगा। व्यावहारिक ज्ञान के दौरान हर छात्र को इसकी की परीक्षा देनी होगी, ताकि उनके ज्ञान को परखा जा सके। यह ज्ञान उनके फील्ड में काम आएगा, ताकि वे पशुओं का इलाज आसानी से कर सकें।

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