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खुल गई पोल… पीएम आवास के बाद गरीबों का राशन खाने वाले तीन हजार से ज्यादा लखपति पकड़े गये कोटे का राशन, करोड़पति भी कर रहे थे हजम

इनकम टैक्स देने वाले और कम्पनी के डायरेक्टरों को भी पसंद आ रहा था गरीबों का सस्ता गल्ला

गरीबी रेखा का राशन लेने वाले अपात्र उपभोक्ताओं के विरूद्ध अब होगी कार्यवाही
केन्द्र का डंडा चलने के बाद प्रशासन आया हरकत में

देवेन्द्र दुबे, रीवा

गरीबों के हक पर डाका डालने वाले लखपति और रइसों की पोल खुलने लगी है। पीएम आवास पर डाका डालने वालों को आयुक्त ने सर्वे कराकर पकड़ा तो सरकार ने सस्ता राशन खाने वालों की कुंडली की तैयार कर ली है। रीवा में 387 कंपनी के डायरेक्टर, 25 लाख टर्नओव्हर वाले 48 लाखपति और 6 लाख सालाना इंकम करने वाले 2938 टैक्सपेयी गरीब बने हुए थे। अब इन सब को जिला प्रशासन से नोटिस जारी हुआ है।
सस्ता राशन के लालच में करोड़पति, लखपति गरीबी रेखा में नाम जुड़ाए बैठे हैं। पीडीएस का राशन उठा रहे हैं। ऐसे लोग गरीबों के हिस्सा खा रहे हैं। वहीं जो गरीब हैं, इन रईसों की भीड़ के कारण उनका नंबर नहीं लग पा रहा है। गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने ऐसे फर्जी उपभोक्ताओं की लिस्ट तैयार की है। पहले चरण में रीवा जिला को भोपाल से ऐसे उपभोक्ताओं की लिस्ट भेजी गई है जो कंपनी के डायरेक्टर हैं या फिर साला 6 लाख रुपए कमा रहे हैं या फिर 25 लाख रुपए जिनका वार्षिक टर्नओव्हर है। इन तीन कैटेगरी में भी सिर्फ नगरीय में ही 3 हजार से ज्यादा फर्जी उपभोक्ता पकड़ में आए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग से सभी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो पहले चरण में तीन श्रेणियों में फंसने वाले पीडीएस उपभोक्ताओं को चिन्हित किया गया है। इन सभी को नोटिस जारी किया जाएगा। यदि यह खुद ही अपना नाम कटवा लेंगे तो ठीक है वर्ना इनके खिलाफ शासन और प्रशासन ही कार्रवाई करेगा। आपको बता दें कि इसके पहले शासन स्तर से कई मर्तबा फर्जी उपभोक्ताओं की छंटनी का अभियान चला था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस मर्तबा केन्द्र से डंडा चल रहा है। अभी और बड़ी कार्रवाई होनी बांकी है इस अभियान में अभी यह शुरुआत है। पहले बड़े और लखपतियों को पकड़ा जा रहा है। इसके बाद 1 हेक्टेयर से ऊपर वाले किसानों की छंटनी की जाएगी। 1 हेक्टेयर से ऊपर के उपभोक्ताओं की भी लिस्ट अभी आना बांकी है। कार, टीवी, मोबाइल, मकान वाले उपभोक्ता भी पीडीएस राशन से बाहर हो सकते हैं। पहले चरण की कार्रवाई से फिलहाल हडक़ंप मचा है। इस छंटनी के बाद सिर्फ पीडीएस हितग्राहियों में वहीं बचेंगे जो सच में जरूरतमंद हैं।
लाखों कमाने वाले गरीब बन कर उठा रहे सस्ता राशन
रीवा में लखपति गरीबों की कमी नहीं है। जब सरकार ने ऐसे उपभोक्ताओं की तलाश शुरू की तो रीवाजिला में 3373 उपभोक्ता पकड़ में आए हैं जो शासन की क्राइटेरिया में फिलहाल फिट नहीं बैठ रहे हैं। इनमे 387 उपभोक्ता ऐसे हैं जो कंपनी के डायरेक्टर हैं। इसके अलावा 48 उपभोक्ता ऐसे हैं जो स लाख से अधिक का टर्न ओव्हर कर रहे हैं। इसके अलावा अधिक संख्या 6 लाख वार्षिक इनकम वालों की है। 293 उपभोक्ता है जिनकी कमाई 6 लाख से अधिक है।
ब्लाक वार पकड़े गये अपात्र
गंगेव जपं. ३८१
जवा जपं. ३४७
रायपुर कर्चु. जपं. ५९४
रीवा जपं. ५०१
सिरमौर जपं. ५२१
त्योंथर २०५
रीवा ननि. ४९०
डभौरा नपं. ४४
बैकुंठपुर नपं. २६
चाकघाट नपं. ३८
गोविंदगढ़ नपं. २३
गुढ़ नपं. ३६
मनगंवा नपं. ४६
सेमरिया नपं. ४५
सिरमौर नपं. ४२
त्योंथर नपं. ३४

कुल ३३७३

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