विशेष संवाददाता, रीवा
स्नेक बाइट के मामले में रीवा प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। यहां हर दिन सांप एक लोग को डस रहा है। अब तक 223 को 108 एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। हालांकि यह आंकड़ा सिर्फ एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाए गए लोगों का है। वास्तिक आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा होगा। फिर भी यह स्थिति काफी गंभीर और डराने वाली है। स्नैक बाइट के कारण ही साल कई लोगों की समय पर इलाज न मिलने से जान चली जाती है। अधिकांश जानें लोगों की लापरवाही और झाडफूक के कारण होती है। यदि आप के आसपास भी कोई सांप के काटने से पीडित होता है तो आप यह काम तुरंत करें। जिससे मरीज जान बचाई जा सकती है।
लोगों ने सांपों के घरों में अपना घर बना लिया। खेत, खलिहान, जंगल, पहाड़ जहां सांपों का घर था। वहां लोगों ने आबादी बसा ली। अब यही बसाहट लोगों के लिए मुशीबत खड़ी कर रहा है। सांप बारिश और अन्य सीजन में बिलों से बाहर निकलते हैं और लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। लगातार सांप काटने के मामले बढ़ रहे हैं। बारिश में बिलों में पानी भरने के कारण सांप बाहर आ जाते हैं। लोगों के घरों में या फिर झाडिय़ों में छुपे होते हैं। लोगों की जरा सी नजर चूकी और यह उन्हें डंस लेते हैं। रीवा जिला की हालत स्नैक बाइट के मामले में काफी चिंता जनक है। वर्तमान समय में यहां अब तक 223 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा सका है। वहीं पहले नंबर में सागर जिला है। यहां सर्वाधिक 311 मरीजों को 108 की मदद से अस्पताल भेजा गया है। सांप काटने पर यह न करें
काटी गई जगह पर टाइट रस्सी, रुमाल न बांधें- इससे खून का संचार तेज गति से बढ़ता है और जहर के फैसले की संभावना बढ़ जाती है। – तुरंत अस्पताल जाएं- सांप काटने के बाद किसी भी तरह से देर मरीज की जान को जोखिम में डाल सकता है। ऐसे में तुरंत उसे लेकर अस्पताल जाएं। – झाडफूक के चक्कर में न फंसे- सांप काटने के बाद लोग उसका हजर उतारने के चक्कर में इधर उधर फटकते रहते हैं। ऐसे में जहर पूरे शरीर में फैल जाता है और लोगों की मौत हो जाती है। झाडफूंक के चक्कर में न फंसे और तुरंत अस्पताल जाएं। – घबनाएं नहीं, भागदौड़ नहीं करें- यदि आपको सांप ने काट लिया है तो घबराएं नहीं। 90 फीसदी सांप हजरीले नहीं होते। सिर्फ 10 फीसदी ही जहरीले होते हैं।
जिलावार स्नैक बाइक के मामले जून 2025 तक
सागर 311, रीवा 223, सतना 111 ,सीधी 102 ,सिंगरौली 82, ग्वालियर 146 ,बैतूल 144, जबलपुर 137, इंदौर 40, टीकमगढ़ 128, विदिशा 113, कटनी 179 ,मंडला 88, शहडोल 98।