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एडन मार्कराम ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है। 2025 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर शतक जड़कर वे आईसीसी फाइनल में शतक बनाने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बन गए

✍️शिवेंद्र तिवारी 9179259806

एडन मार्कराम ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है। 2025 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर शतक जड़कर वे आईसीसी फाइनल में शतक बनाने वाले पहले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले किसी भी दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी ने आईसीसी फाइनल में शतक नहीं बनाया था—1998 में हांसी क्रोनिए का 61* रन ही सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। मार्कराम का यह शतक न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के लिए भी ऐतिहासिक है।

मैच की परिस्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण थीं। दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 282 रनों का लक्ष्य मिला था, जो लॉर्ड्स जैसे ऐतिहासिक मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में सबसे मुश्किल चेज़ में से एक माना जाता है। पहले दो दिन पिच बल्लेबाजों के लिए बेहद कठिन रही थी, लेकिन तीसरे दिन सूरज निकलने के साथ हालात थोड़ा बेहतर हुए। ऐसे में मार्कराम ने धैर्य और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन दिखाया।

पहली पारी में दक्षिण अफ्रीका सिर्फ 138 रन पर सिमट गई थी और दूसरी पारी में शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। रयान रिकेल्टन जल्दी आउट हो गए, लेकिन मार्कराम ने वियान मुल्डर के साथ मिलकर पारी को संभाला और 69 रनों की साझेदारी की। मुल्डर के आउट होने के बाद कप्तान टेम्बा बावुमा क्रीज पर आए, जो खुद हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे। बावुमा और मार्कराम ने मिलकर 143 रनों की नाबाद साझेदारी की, जिसने टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया।

मार्कराम की बल्लेबाजी में क्लासिक टेस्ट क्रिकेट की झलक देखने को मिली। उन्होंने 156 गेंदों में 11 चौकों की मदद से अपना शतक पूरा किया। खास बात यह रही कि उन्होंने कभी भी दबाव में आकर अपना स्वाभाविक खेल नहीं छोड़ा। उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ शानदार ड्राइव्स और कट शॉट्स लगाए, वहीं स्पिनरों के खिलाफ भी आत्मविश्वास दिखाया।

इस शतक की अहमियत सिर्फ रिकॉर्ड तक सीमित नहीं है। दक्षिण अफ्रीका की टीम अक्सर बड़े मुकाबलों में ‘चोकर’ कहलाती रही है, लेकिन मार्कराम की इस पारी ने उस छवि को बदलने की उम्मीद जगा दी है। लॉर्ड्स जैसे प्रतिष्ठित मैदान पर, ऑस्ट्रेलिया जैसे मजबूत आक्रमण के खिलाफ, फाइनल के दबाव में शतक बनाना किसी भी बल्लेबाज के लिए करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।

मार्कराम की इस पारी ने न सिर्फ मैच का रुख बदल दिया, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है कि मुश्किल हालात में भी संयम और आत्मविश्वास से खेला जा सकता है। वे पहले ही दक्षिण अफ्रीका के टी20 कप्तान हैं और अब टेस्ट क्रिकेट में भी नेतृत्वकर्ता की भूमिका में दिख रहे हैं। उनका यह शतक आने वाले समय में दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

अंत में, एडन मार्कराम की यह पारी न सिर्फ उनके करियर की सबसे महत्वपूर्ण पारी है, बल्कि दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में भी स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गई है। ऐसे साहसिक और ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए उन्हें नमन।

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