🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳🗳

माहवारी के बाद लड़कियों के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को लगता है कि बच्चेदानी यानी यूटेरस ही उनके पीरियड्स और प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्याओं का कारण है।
ऐसे में वह यूटरेस निकलवाने के बारे में सोचती है लेकिन यूटेरस निकलवाने से परेशानी खत्म नहीं होती है बल्कि इसके कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यूटरेस कैंसर या किसी अन्य गंभीर बीमारी की स्थिति में ही निकलवाना सही होता है।
औरतों के गर्भाशय निकालने के बाद उनको बच्चे नहीं हो सकते हैं, और उसके बाद मासिक धर्म नहीं होगा।
गर्भाशय निकालने के मुख्य कारण इस प्रकार हैं :-
फाइब्रॉएड- गर्भाशय के आसपास गांठ होती है, जो की बहुत छूटती से बहुत बड़ी भी हो सकती है लेकिन यह कैंसर कारक नहीं होती है. वे पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और दर्द का कारण बनती हैं। फाइब्रॉएड मूत्राशय पर दबाव डालते हैं जिसके कारन बार बार शौच के लिए जाना पड़ सकता है और अगर इनका आकर अधिक बड़ा है तो सर्जरी से ही इसका उपचार संभव है.
गर्भाशय रक्तस्राव – कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक रक्तस्राव होता है और यह किसी भी दवा द्वारा नियंत्रित नहीं होता है। इसके कारण एनीमिया और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आपकी डॉक्टर हिस्टेरेक्टॉमी के लिए बोल सकती हैं हालांकि यह अंतिम विकल्प नहीं है।
एंडोमेट्रियोसिस – जब गर्भाशय के चारों ओर के अस्तर अधिक पतला हो जाते हैं, तो वे अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब और अन्य अंगों को प्रभावित करना शुरू कर देते हैं। अगर आपकी कंसीव करने की कोशिश बार-बार नाकाम हो रही है तो इसकी वजह एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है।
कैंसर- गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय का कैंसर होने पर हिस्टेरेक्टॉमी से इलाज किया जाता है जिसमे की गर्भाशय को ऑपरेशन करके बाहर निकला जाता है.
औरतों के गर्भाशय निकालने के बाद क्या परेशानी आ सकती है ?
यदि आपको नीचे लिखे कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएँ –
· ठंड लगना या बुखार 101 डिग्री से ऊपर
· पेशाब करने में परेशानी
· पेशाब करते समय जलन या बार-बार पेशाब का अनुभव होना
· कोई भी चीरा जो सूजा हुआ है, लाल है, उसमें रिसाव है या खुल गया है
· चीरा स्थान से रक्तस्राव
· त्वचा में जलन, सूजन या चकत्ते
· अगर आपको अचानक सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द होता है
· योनि से खून बहना, एक घंटे में 2 से 3 पैड भरना
यदि आपको कभी कोई समस्या है, तो इसे अनदेखा न करें ।
यूटेरस निकलवाने के नुकसान
रिकवरी में लगता है समय
बेशक महिलाओं को यूटरेस निकलवाना सही लगे लेकिन इसके बाद रिकवरी में काफी समय लग जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान महिलाओं के शरीर में लंबा कट लगाया जाता है और इसके महिलाओं को लंबी रेस्ट भी चाहिए होती है। इतना ही नहीं, इस दौरान जो घाव या दाग होते हैं वह भी आसानी से नहीं जाते। कई बार तो यह निशान सालों-साल ऐसे ही रहते हैं।
वैजाइना को भी होता है नुकसान
यूटरेस निकलवाने से वैजाइना को भी नुकसान पहुंचता है। वैजाइना शरीर का सबसे नाजुक अंग है। ऐसे में अगर सर्जन सर्जरी ध्यान से न करें तो इसके कारण वैजाइना को नुकसान पहुंचता है।
एनीमिया का खतरा
यूटेरस को निकालते समय महिलाओं के शरीर से बहुत खून निकल जाता है। खून की ज्यादा मात्रा निकल जाने के कारण वह जल्दी रिकवर नहीं कर पाती और इसके कारण उन्हें एनीमिया की शिकायत हो जाती है। कई बार तो इसके कारण महिलाओं में ब्लड क्लॉटिंग भी हो जाती है, जिससे दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है।
समय से पहले मेनोपॉज
समय से पहले मेनोपॉज महिलाओं की सेहत के लिए खतरनाक है। यूटरेस निकलवाने से महिलाओं में समय से पहले ही मेनोपॉज की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे सेहत को नुकसान पहुंचता है। इससे न सिर्फ महिलाओं का स्वबाव चिड़चिड़ा हो जाता है बल्कि इससे मानसिक विकार का खतरा भी बढ़ जाता है।
आस-पास के अंगों में चोट
बच्चेदानी निकलवाने की प्रक्रिया में कई बार यूटरेस के आस-पास के अंगों जैसे फैलोपियन ट्यूब, आंतें, पेल्विक हड्डियां और ओवरी को चोट लग सकती है। इस चोट के कारण टिटनेस या इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, अंदरूनी चोटों को भरने में काफी समय लगता है, जिससे आपको उठने, चलने और बैठने में परेशानी हो सकती है।
संबंध बनाते समय दर्द
यूटरेस निकलवाने से संबंध बनाते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। हालांकि सभी महिलाओं में ये लक्षण दिखाई नहीं देता है लेकिन ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से बात करें।
एनेस्थीसिया से दिक्कत
सर्जरी के दौरान होने वाले दर्द से बचने के लिए डॉक्टर मरीज को एनेस्थीसिया देते हैं। इसके कारण महिलाओं को सांस लेने में दिक्कत और दिल से संबंदित समस्या हो सकती है।