शिवेंद्र तिवारी- 9179259806

आजकल की जिंदगी भागदौड़ भरी और प्रदूषण बढ़ते जा रहा है। ऐसे में सांस की बीमारी एक समान समस्या हो गई है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि से निजात पाने के लिए देसी इलाज बहुत ही कारगर साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं “सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?”
- हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रियाएँ होती हैं, जो फेफड़ों की सूजन को नियंत्रित करने में समर्थ होती हैं। रोजाना सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से सांस की तकलीफ में आराम होता है।
- तुलसी और शहद का सेवन
तुलसी के पत्तों को उबालकर उसमें शहद और अदरक मिलाकर पीने से सांस लेने में तकलीफ कम होती है और फेफड़ों की सफाई होती है।
- भाप (स्टीम) लेना
नीलगिरी (यूकलिप्टस) का तेल लेने से नाक और छाती खुल जाती है, जिससे सांस लेने में सुविधा होती है।
- अदरक और लहसुन का सेवन
अदरक और लहसुन में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो बलगम को पतला करते हैं और सांस की नली को साफ करते हैं।
- योग और प्राणायाम
Anulom-vilom और भस्त्रिका प्राणायाम करने से फेफड़े स्ट्रांग होते हैं और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। यह अस्थमा और सांस की बीमारियों में फायदेमंद है।
- गुड़ और काली मिर्च
गुड़ और काली मिर्च का मिश्रण गर्म पानी के साथ लेने से सांस की तकलीफ में आराम मिलता है और इम्युनिटी बढ़ती है।
- हर्बल काढ़ा
मुलेठी, अजवाइन, दालचीनी और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से गले और फेफड़ों की सूजन कम होती है।
निष्कर्ष
यदि आप सोच रहे हैं कि “सांस की बीमारी का देसी इलाज क्या है?”, तो ऊपर दिए गए आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे आपकी परेशानी को कम करने में काम कर सकते हैं। हालाँकि, यदि समस्या ज़्यादा बढ़ रही हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।