भोपाल में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने अकेले में पढ़ाया सत्ता की राजनीति का पाठ
अपनी ही सरकार के अफसर को घेरने वाले विधायक जी अब रहेंगे कूल- कूल
अनिल त्रिपाठी, रीवा
मऊगंज क्षेत्र के विधायक प्रदीप पटेल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गत दिवस उन्हें एवं दो तीन अन्य नेताओं को भारतीय जनता पार्टी हाई कमान द्वारा भोपाल उनकी ही गतिविधियों पर लगाम लगाने समझाइस देने के लिए बुलाया गया था। यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चाओं में रहा है।
उल्लेखनीय है कि मऊगंज जिले के अफसरो द्वारा की जाने वाली मनमानी एवं भ्रष्टाचार पर रोक लगाने को लेकर लगातार विधायक प्रदीप पटेल सक्रिय रहने का दावा करते हैं। जब से दूसरी बार विधायक के रूप में निर्वाचित हुए हैं तब से उनकी यह गतिविधियां और तेजी के साथ बढ़ चली है। उनकी यह कार्य शैली भारतीय जनता पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन गई है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधियों के इशारों पर ही अधिकारियों की तैनाती की जाती है अब उन्हीं अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए विधायक प्रदीप पटेल आए दिन धरने पर बैठ जाते हैं। जो प्रदेश स्तर अखबारों की सुर्खियों में रहा करता है।
अक्टूबर माह में विधायक प्रदीप पटेल जहां पुलिस अधिकारियों के सामने साष्टांग चरण वंदन करते हुए लोटते नजर आ रही थे, वही तीन दिन पहले थाना मऊगंज पहुंचकर खुद को गिरफ्तार करने की बात टी आई से करने लगे थे। वीडियो ऑडियो और अखबारों की कतरनें जब प्रदेश मुख्यालय तक पहुंची तो हाई कमान ने इस बार इस मामले को गंभीरता से लिया और भोपाल तलब कर लिया। प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के अलावा संगठन से जुड़े हितानंद शर्मा और प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह की मौजूदगी में प्रदीप पटेल की चर्चाएं हुई। समझा जाता है कि प्रदीप पटेल ने यहां की गतिविधियों और अधिकारियों की कार्यशैली के बारे में शिकायत की गई होगी लेकिन हमारे सूत्रों का कहना है कि इस दौरान दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर यह कहा है कि आप अपनी शिकायते पत्र के माध्यम से भेजें, फोन के माध्यम से करें, लेकिन जिस प्रकार की गतिविधियों के तहत आपके द्वारा कार्यवाही की जाती है वह गरिमा के खिलाफ है। सूत्रों ने बताया है कि लगभग 20 मिनट तक उक्त दोनों वरिष्ठ नेताओं ने विधायक प्रदीप पटेल को समझाइस दे दी है। माना जा रहा है कि अब मऊगंज लौट के बाद विधायक प्रदीप पटेल काफी हद तक बदले बदले नजर आएंगे, यानी कि दफ्तरों में अब धरना प्रदर्शन करते नहीं दिखाई देंगे और कूल कूल रहेंगे।
हालांकि दूसरी ओर हमारे स्थानीय सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि स्थानीय पार्टी इकाई भी विधायक प्रदीप पटेल की इस तरह की गतिविधियों से दूर-दूर तक सरोकार नहीं रखती है, यही कारण है कि उनके इस तरह के कार्यालयों के व्यक्तिगत धरना और आंदोलनात्मक गतिविधियों से जिला अध्यक्ष स्वयं दूरी बनाकर रखते हैं। इतना ही नहीं, उनके जिले के एक अन्य वरिष्ठ विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से भी दूरियां होने की बात राजनीतिक सूत्र कहते हैं। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान में वह संगठन से अलग थलग पड़ते दिखाई दे रहे हैं। हमारे सूत्रों ने बताया है कि पार्टी की प्रदेश इकाई ने स्थानीय संगठन से जानकारियां मंगवाई थी और वह पहुंचने के बाद इस बार प्रदेश संगठन भी गंभीर हुआ तथा उन्हें भोपाल बुलाया गया था इसके पहले भी एक बार समझाइश दी जा चुकी थी। हालांकि पार्टी नेतृत्व केवल प्रदीप पटेल भर ही नहीं अन्य नेताओं के लिए भी अब गंभीर हो चुका है तथा सीधे चेतावनी दे चुका है कि यदि पार्टी गाइडलाइन से अलग हटकर कार्य प्रणाली अपनाई गई तो परिणाम बुरे हो जाएंगे।