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संबल योजना की राशि निकलवाने के नाम पर जीआरएस मांग रहा था 30 हजार, रिश्वत लेते पकड़ा गया

रीवा लोकायुक्त की टीम ने जयसिंहनगर पहुंचकर रिश्वतखोर को धर दबोचा

विशेष संवाददाता, रीवा

लोकायुक्त संगठन की टीम को एक बार फिर एक रिश्वतखोर को पकडऩे में सफलता मिली है। यह रिश्वतखोर ग्राम रोजगार सहायक के पद पर काम करता था और एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर संबल योजना की राशि दिलवाने एवं समग्र आईडी बनवाने के नाम पर 33 हजार 500 की मांग कर रहा था। मृतक के पुत्र ने पूरे घटनाक्रम से लोकायुक्त टीम रीवा को अवगत कराया, जिसके आधार पर यह कार्यवाही की गई।
पूरे मामले के संबंध में फरियादीराजेश सिंह कंबर पिता स्व हरि नाम सिंह उम्र 27 वर्ष निवासी ग्राम छूदा पोस्ट करकी, जयसिंहनगर शहडोल ने बताया कि शिकायतकर्ता के पिता की मृत्यु हो जाने पर संबल योजना के अंतर्गत 2 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। आरोपी चंद्र प्रकाश गुप्ता रोजगार सहायक ग्राम पंचायत छुदा द्वारा उक्त राशि को शिकायतकर्ता की माता के खाते में स्थानांतरित करने के लिए 30,000 रुपए की मांग एवं शिकायतकर्ता को प्रधान मंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास का लाभ दिलवाने के लिए पृथक समग्र आईडी बनवाने के एवज में 3500 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी।
आवेदक द्वारा शिकायत करने पर लोकायुक्त संभाग रीवा के पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया, शिकायत सत्यापन के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता से 33,500 रुपए रिश्वत की मांग की थी। शुक्रवार 25 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक के द्वारा गठित टीम द्वारा आरोपी चंद्रप्रकाश गुप्ता को उसके निवास ग्राम में शिकायतकर्ता से प्रथम किश्त के 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया । ट्रेप दल में संदीप सिंह भदौरिया निरीक्षक, एस आर मरावी निरीक्षक व उनकी टीम शामिल थी।
गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू तथा लोकायुक्त द्वारा आये दिन रिश्वतखोरों को पकड़ा जाता है इसके बावजूद भी रिश्वतखोरी में कमी नहीं आ रही है। ८० फीसदी तो ऐसे मामले रहते हैं जिसकी शिकायत ही लोकायुक्त तक नहीं पहुंच पाती हैं। कुछ ही ऐसे जागरूक लोग हैं जो रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को फसाने के लिए तैयार हो पाते हैं।

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