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किसान के बेटे ने लंबे संघर्ष के बाद हासिल की सफलता बने नायाब तहसीलदार

  • शिवेंद्र तिवारी

परिस्थितियों को नजरंदाज कर आपदा को अवसर में कैसे बदले नायक नायाब तहसीलदार नीरज कुमार दुबेदी
कहते हैं ना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
सफलता की कहानी तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन नीरज दुवेदी की कहानी ,एक गरीब घर से पिता पेशे से किसान हैं

ऐसी ही कुछ कहानी नीरज द्विवेदी जो मूलतः सिंगरौली जिला अंतर्गत चितरंगी ब्लॉक के नौगाई के केकराई गांव से होनहार नीरज द्विवेदी अपने दूसरे प्रयास में हाल ही नायाब तहसीलदार के पद पर चयनित हुए हैं नीरज द्विवेदी की सफलता की बात करें तो कठिन संघर्ष के बाद नीरज द्विवेदी ने यह सफलता पाई इसके पहले नीरज दुबे ने हाल ही में यूपीपीसीएस द्वारा जारी किए गए रिजल्ट में डिप्टी जेल के पद पर चयनित हुए थे उसकी जॉइनिंग के कुछ दिन पहले ही नीरज द्विवेदी को यह भी दोहरी सफलता मिली नीरज द्विवेदी के संघर्ष की कहानी यहीं नहीं रुकती नीरज द्विवेदी प्रारंभ से ही साधारण और मेधावी छात्र की श्रेणी में बेशुमार छात्र रहे हैं
प्रारम्भिक शिक्षा सीधी क्रमांक 1 से एवं स्नातक और स्नातकोत्तर महाविद्याय की पढ़ाई रीवा मॉडल साइंस कॉलेज से की है नीरज द्विवेदी का सपना प्रारम्भ से ही सिविल सर्विस में जाने का था अपनी सफलता का श्रेय पिता- वेंकटेश्वर प्रसाद दुबे
माता- सुधा देवी एवं बड़े बुजुर्गों को दिया है समस्त द्विवेदी परिवार में खुशी का माहौल है ।भाई धीरज दुबे , अजय कुमार दुबे , हरीश मिश्रा , सचिन शुक्ला , विवेक तिवारी , अशोक विश्वकर्मा ने हर्ष व्यक्त किया है ।

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