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हादसों से प्रशासन नहीं ले रहा सबक: अंचल की सड़कों पर दिन-रात धड़ल्ले से दौड़ रहे रेत से भरे ओवरलोड डंपर

प्रतिबंधित सड़क से दौड़ रहे ओवरलोड है हाइवा वाहन,कौन है जिम्मेदार

कार्रवाई नहीं होने से उठ रहे सवाल

  • ✍️ शिवेंद्र तिवारी ✍️

मऊगंज– मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के हनुमना गोरमा बांध के पास हादसों को निमंत्रण देने वाला काम जोरों पर जारी है। गोरमा बांध के पास से निकलने वाली सड़कों पर दिन-रात रेत से भरे डंपर अंधी रफ्तार से दौड़ रहे है, जिनसे आए दिन यहां लोग कब हादसे का शिकार हो जाए कुछ कह नहीं सकते रहे है। प्रशासन द्वारा रेत के अवैध परिवहन और डंपरों की गति पर रोक लगाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
वहीं आम जनता का कहना है कि खनिज विभाग की मिलीभगत से ही रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। अधिकारी, कर्मचारियों की कारगुजारी का खामियाजा लोगों को हादसे के रूप में भुगतना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते ओवर लोड रेत से भरे डंफर बैखौफ होकर क्षेत्र की सडकों पर अंधी रफ्तार से दौड़ रहे हैं, लेकिन अफसरों द्वारा ओवरलोड डंफरो पर कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण उनकी भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सोन नदी की रेत खदानों से ओवरलोड रेत भरकर डंफर और ट्रक प्रतापगंज से गोरमा बांध सड़क से निकलने वाले सड़क से दिन के उजाले व रात के अंधेरे में सैकड़ों की संख्या में गुजरते हैं। सिंगल लाइन की सड़क होने के बाबजूद चालक वाहनों की स्पीड बढ़ा देते हैं। अंधी रफ्तार से गुजरने वाले रेंत के यह वाहन अक्सर हादसों का कारण बन रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई नहीं की जा रही है ,जिसके चलते डंफर आपरेटरों के हौसले बुलंद हो रहें हैं।

अफसरों की मिलीभगत से हो रहा है रेत का अवैध परिवहन :-

ओवरलोड व बिना रॉयल्टी के रेत का अवैध परिवहन करने वालों पर स्थानीय प्रशासन ही नहीं खनिज विभाग के जिला प्रशासन स्तरीय अधिकारी भी मेहरबान है। बताया जा रहा है कि अफसरों की सांठगांठ से ही रेत का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है।

ट्रैक्टर ट्रालियों से भी होता है रेत का परिवहन :-
इन दिनों मऊगंज,खटखरी, हनुमना,नईगढ़ी, शाहपुर में ट्रैक्टर की टालियो से किया जा रहा रेत का परिवहन। इनके पास ना तो रायल्टी होती है और ना ही कोई वैध कागजात होते हैं इसके बावजूद रेंत का काला कारोबार बैखोफ चल रहा है। इनको किसी भी प्रशासनिक कार्यवाही का कोई भय नहीं है।

अब सवाल यह उठता है कि–
गोरमा बांध सड़क मार्ग में बड़े वाहन–हाइवा, ट्रॅक, बस आदि बड़े वाहन टोल टैक्स बचाने के चक्कर में प्रतापगंज से शार्टकट मरते है प्रतापगंज से गोरमाबाध पहुंच मार्ग को लोहे के एंगल लगा कर प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन प्रतिबंधित सड़क से एंगल कौन हटवाया आखिर कौन सनलिप्त है अवैध परिवहन के कारोबार में किसके शह में चल रहा अवैध रेत परिवहन कौन है इसका जिम्मेदार। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या मऊगंज कलेक्टर इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं

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