अमरपाटन मध्य प्रदेश शासन के द्वारा पांच जून से पर्यावरण वचाओ अभियान चलाया जा रहा है जोकि यह बहुत ही अच्छा कार्य है परंतु सबसे बडी वात यह है की पर्यावरण बढे तो कैसे क्या एसी में बैठकर पर्यावरण बढ़ता है या जमीन पर जैसे फोरलेन का निर्माण कराया गया लाखो वृक्ष कटवाए गए और उनके अनुसार कितने वृक्ष लगाए गए यह तो वही वता सकते है सीमेंट वाली रोड वनाई गई उसमे डामर नही डाला गया तापमान भी बढता है मालिक भी परेशान है जैसे की ट्रकचालको का कहना है टायर जल्द घिस जाते है जबकि वन विभाग के द्वारा प्रतिवर्ष लाखो वृक्ष लगाने का रहता है किन्तु आकडो मै रह जाते है और जब ग्रीष्मकालीन रितु आती है तो जंगल मै आग भी लग जाती है जिसके द्वारा कहा जाता है की महुआ विनने वाले ने आग लगा दी जाती है खुले क्रशर चल रहे है पर्यावरण वाले आकर चढौत्री लेकर चले जाते है पर्यावरण घटे या बढे लेकिन अधिकारी का पर्यावरण जरूर बढना चाहिए पर्यावरण के नाम से लाखो करोडो रूपए खर्च कर दिये जाते है लेकिन नतीजा ढाक का तीन पात रहता है फोरलेन रोड का निर्माण तो हो गया किन्तु मूलभूत सुविधाए विजली पानी बृक्ष नही है वाहन चालक क्या धूप मै गाडी खडी करे राहगीर क्या धूप मै बैठे रोड डामरीकरण न हो तो उसका तापमान बढेगा ही अगर वास्तव मै पर्यावरण को वचाना है धरातल मै आकर काम करना होगा नाकि बंद कमरे मै ऐसी लगाकर पर्यावरण की मुहिम जारी है लाखो वृक्ष के कत्लेआम से ही पर्यावरण का खतरा बढा है और जहां पर वृक्ष है उतना तापमान नही बढा क्या इस सच्चाई को पर्यावरण के अधिकारी मानते है या नही लेकिन पर्यावरण के नाम से मीटिंग दौरा का पर्यावरण जरूर बढता है
यत्र तत्र सर्वत्र