नगर प्रतिनिधि, रीवा
स्पेन के बर्सिलोना शहर के रहने वाले 65 वर्षीय जेवियर पदयात्रा करते हुए प्रयागराज जाने के लिए आज रीवा पहुंचे। वे शुक्रवार को 65,000 किलोमीटर की पदयात्रा कर रीवा पहुंचे। जो 10 सालों से लगातार पद यात्रा कर रहे हैं। यहां रीवा में पुलिस प्रशासन ने उनका स्वागत किया। इसके साथ ही उनके ठहरने और भोजन पानी की व्यवस्था की। जहां अब उनका अगला पड़ाव प्रयाग महाकुंभ है। उन्होंने बताया कि मैंने 14 अक्टूबर 2015 से पुष्कर से कन्याकुमारी के लिए पदयात्रा शुरू की थी। मैं जानना चाहता हूं कि इस पूरी दुनिया में क्या चल रहा है। इस पर मैं किताब भी लिख रहा हूं। उन्होंने बताया कि यहां के गुरुनानक जी, बुद्ध, महावीर आदि ने किस तरह से सुख सुविधा वैभव को त्याग कर फकीरी वाला जीवन जिया और अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाया। मैं इसी चीज से प्रभावित हूं। इसके पहले मैं बिजनेसमैन हुआ करता था।
थाने में बिताई कई रातें
जेवियर ने बताया कि वे थाने में भी रुके और कई रातें भी बिताई। वे जहां रुकते वहां के लोग उन्हें भोजन करवा देते थे। उन्हें पैदल चलता देख लोग उन्हें आर्थिक सहयोग करने के लिए आगे आते हैं। प्राप्त सहयोग का उन्होंने उपयोग मात्र सफर तय करने के लिए किया। इनका कहना है कि यहां के संत महापुरुष फकीरी वाला जीवन कैसे जिए, उस बारे में जानने के लिए वे स्वयं भी उन्हीं के जैसे सडक़ों पर पदयात्रा के लिए निकल पड़े हैं। उनकी पत्नी साउथ अमेरिका के चिली में टीवी जर्नलिस्ट है, उनके दो बच्चे हैं। एक बेटा पीएचडी कर रहा है तो एक बेटी फिजियोथेरेपिस्ट है।