विंध्यभारत, रीवा
योगि सम्राट ब्रम्हर्षि श्री देवरहा बाबा के प्रतिमा का महाभिषेक एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह 9 फरवरी को गुढ़ तहसील के ग्राम दुआरी स्थित दुर्मनकूट धाम में आयोजित किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह सुन्दरकांड पाठ से होगा जिसमें विशाल भण्डारे के साथ जिला प्रशासन द्वारा जन कल्याण शिविर एवं स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किया गया है। महाभिषेक एवं प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का मार्गदर्शन करने देवरहा बाबा के परम प्रिय शिष्य स्वामी अभ्येश्वर प्रपन्नाचार्य जी महाराज विशेष रूप से पधारेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल होंगे। अध्यक्षता गुढ़ विधायक नागेन्द्र सिंह करेंगे। विशिष्ट अतिथि रीवा सांसद जनार्दन मिश्र एवं भाजपा रीवा के जिला अध्यक्ष बीरेन्द्र गुप्ता होंगे। उक्त आशय की जानकारी देेते हुये कार्यक्रम के संयोजक भाजपा नेता जितेन्द्र मिश्र ने बताया कि ग्राम दुआरी का दुर्मनकूट धाम देवरहा बाबा की तपस्थली रहा है। जहां देवराहा बाबा तपस्या किये थे। दुर्मनकूट धाम से लोगों की अगाध आस्था है, जहां चित्रकूट के दर्शन होते हैं और लोग दुर्मनकूट धाम को मिनी चित्रकूट धाम कहते हैं। देवरहा बाबा जिस गुफा में तपस्या करते थे वहां से आज भी रात्रि के अंतिम प्रहर में रामधुन की आवाज निकलती है और बाबा जहां पर तपस्या करते थे वहां की धरती में कंपन का एहसास होता है।
श्री मिश्र ने कहा कि ब्रम्हर्षि देवरहा बाबा भारत के इतिहास में सबसे बड़े तपस्वी महान योगी एवं सिद्ध महापुरुष थे जो लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान देते थे। देवरहा बाबा ऐसे दैवीय शक्ति वाले संत थे जिन्होंने कभी अपनी चमत्कारित शक्तियों या तपज्ञान को लेकर कोई दावा नहीं किया। वे ऐसे कर्मयोगी सिद्ध संत थे जो ध्यान साधना की शक्ति के जरिये हर किसी के मन की बात जान लेते थे। वे अष्टांग योग में पारंगत थे। देवरहा बाबा को समाधि लिये तीन दशक से ज्यादा हो गये लेकिन आज भी उनका आशिर्वाद आज भी लोगों को फलीभूत हो रहा है। देवरहा बाबा का दर्शन करने के बाद जिसे उनका आशिर्वाद मिल जाता था उसका जीवन धन्य हो जाता था। ग्राम दुआरी निवासी स्मृति शेष लवकुश प्रसाद अग्निहोत्री देवरहा बाबा के परम भक्त थे जिनका दुर्मनकूट धाम के लिये योगदान अविस्मरणीय रहेगा।