दबे आंकड़े सार्वजनिक होने पर सहकारिता विभाग एक-दूसरे पर फोड़ रहा ठीकरा
40 फीसदी साफ-सुथरी धान की हुई है खरीदी
नोडल अधिकारियों के लापरवाही के चलते खरीदी गई अमानक धान
नगर प्रतिनिधि, रीवा
फाइलों में दबे आंकडे सार्वजनिक हुए तो अब नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारिता विभाग एक-दूसरे पर अमानक धान खरीदी करने का ठीकरा फोडऩे में लगे हैं। 40 फीसदी साफ सुथरी धान प्राप्त हो रही बताया गया कि इस वर्ष रीवा और मऊगंज में लगभग 802 करोड़ की धान उपार्जित की गई थी, जिसमें लगभग 12,000 क्विंटल धान अमानक स्तर की पाई गई। जिसके बाद अमानक धान की साफ-सफाई का काम शुरू कराया गया। कर्मचारियों की माने तो धान की साफ-सफाई के दौरान लगभग 30 से 40 फीसदी साफ सुथरी धान प्राप्त हो रही है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि खरीदी केंद्रों में खरीदी केंद्रों में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों के रहते इतनी बड़ी मात्रा में अमानत स्तर की धान कैसे उपार्जित कर ली गई। साफ-सफाई के बाद धान की मात्रा कम होने पर उसकी राशि किससे वसूली जाएगी।
कर्मचारियों की माने तो धान की साफ-सफाई के दौरान लगभग 30 से 40 फीसदी साफ सुथरी धान प्राप्त हो रही है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि खरीदी केंद्रों में खरीदी केंद्रों में तैनात किए गए नोडल अधिकारियों के रहते इतनी बड़ी मात्रा में अमानत स्तर की धान कैसे उपार्जित कर ली गई। साफ-सफाई के बाद धान की मात्रा कम होने पर उसकी राशि किससे वसूली जाएगी।
अधिकारी बोले- समितियों से वसूली करेंगे
नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक पीयूष माली ने बताया कि 12 हजार क्विंटल अमानक धान की खरीदी की गई है। रीवा और मऊगंज जिले में कई समितियों द्वारा अमानक स्तर की धान खरीदी की गई है। बार-बार दिशा निर्देश दिए जाने के बावजूद जिन समिति प्रबंधकों ने ऐसी लापरवाही की है, उनके विरुद्ध प्रस्ताव तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। साथ ही अमानक धान के परिवहन और साफ-सफाई में आने वाला खर्च भी समितियों से वसूला जाएगा। अमानक धान की खरीदी को लेकर जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम ने सहकारिता विभाग को कई पत्र भी जारी किए थे।