नगर प्रतिनिधि, रीवा
मऊगंज में जिन साइबर अपराधियों से परेशान होकर लेडी टीचर ने सुसाइड कर लिया था, उन आरोपियों को पुलिस ने राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी खेत में रहकर ऑनलाइन फ्रॉड का गैंग ऑपरेट कर रहे थे।
जिन आरोपियों को साइबर फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किया गया है उनमें साहिल खान पिता मसरू खान निवासी निलानी जिला अलवर उम्र २२ वर्ष, मुनफेर खान पिता नसीर खान उम्र १८ वर्ष निवासी सोनगढ़ जिला अलवर एवं फरदीन खान पिता नसीर खान निवासी सोनगढ़ जिला अलवर शामिल हैं। इनके विरूद्ध १/२५ धारा १९४, ३०८(३), ३०८(4), १०८, ३५१(२), ६६०, ६६ धारा कायम कर प्रकरण को विवेचना में लिया गया है।
साइबर अपराधियों से परेशान होकर खा लिया था जहर
मऊगंज में 6 जनवरी को रेशमा पांडे (उम्र 35 वर्ष) नाम की टीचर ने साइबर जालसाजों से परेशान होकर जहर खा लिया था। जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। बदमाश उसे लगातार फोन पर धमका रहे थे। दो वीडियो भी भेजे थे। जिसमें पुलिस और आर्मी की वर्दी में लोग नजर आ रहे थे। वीडियो में कहा जा रहा था कि आपके खिलाफ केस दर्ज हो गया है। आपको गिरफ्तार किया जाएगा। रेशमा पांडे मऊगंज जिले के पन्नी के हाई स्कूल में गेस्ट टीचर थीं। लगातार धमकी से वह इतनी डर गई कि उसने बदमाशों के भेजे स्कैनर पर 22 हजार रुपए भी ट्रांसफर कर दिए थे।
पुराने सिक्के के बदले पौने दो करोड़ का दिया था लालच
रेश्मा ने मोबाइल पर पुराने सिक्के के बारे में विज्ञापन देखा था। विज्ञापन के साथ दी गई लिंक पर रजिस्ट्रेशन कर दिया। कुछ दिन बाद अनजान नंबर से फोन आया। कॉलर ने सिक्कों के बारे में बात की और उनके फोटो भेजने को कहा। रेश्मा ने फोटो भेज दिए। इसके बाद फिर फोन आया कि आपका रजिस्ट्रेशन भी सही है। आपके पास जो सिक्के हैं, वो भी असली हैं। आपको सिक्कों के बदले एक करोड़ 75 लाख रुपए मिलेंगे। परिजन के मुताबिक इसके बाद रेश्मा के पास कई बार कॉल आए। वो अपराधियों के झांसे में आकर पैसे ट्रांसफर करती गईं। उन्होंने धीरे-धीरे 22 से 25 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए। जब वे और रुपए मांगने लगे, रेश्मा ने कहा कि पैसे नहीं दे पाऊंगी। उन्होंने मजबूरी भी बताई। इसके बाद बदमाश धमकी भरे मैसेज और वीडियो भेजने लगे। उन्होंने कहा कि पैसा नहीं दोगी, तो रुपए नहीं मिलेंगे। आपको 50 हजार रुपए का जुर्माना अलग से देना होगा। दो साल की सजा भी होगी। इसके बाद वे इतना ज्यादा डर गईं कि सुसाइड जैसा कदम उठा लिया।
इनका कहना है
साइबर टीम की मदद से जांच की तो मोबाइल नंबर की लोकेशन अलवर में मिली। इसके बाद राजस्थान पुलिस की मदद ली गई। इनमें से दो लोग लगातार फोन करके धमकाते थे। तीसरा वीडियो भेजता था। राजस्थान में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें मऊगंज लाया गया है।
रसना ठाकुर
पुलिस अधीक्षक मऊगंज