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देवरा महादेवन इलाके का मामला, विधायक प्रदीप पटेल अभी भी नजर बंद, पुलिस छावनी में तब्दील रहा इलाका, बाउंड्रीवाल और अवैध निर्माण बुल्डोजर से ढहाये

लगा दिया गया मध्यप्रदेश शासन का बोर्ड
मौके पर आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित मौजूद रहा भारी पुलिस बल

नगर प्रतिनिधि, रीवा

मऊगंज के देवरा महादेवन गांव में हंगामा और पथराव की घटना के 6 दिन बाद शनिवार सुबह अतिक्रमण हटा दिया गया। ४ जेसीबी के मदद से विवादित दीवार को तोड़ दिया गया है यहां मध्प्रदेश शासन थाना खटखरी का बोर्ड लगाया गया है। एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि अतिक्रमण की गई जमीन को प्रशासन ने अपने अधिपत्य में ले लिया है। अतिक्रमण दस्ते के साथ बुलडोजर और पुलिस का वज्र वाहन भी रहा। 300 से ज्यादा पुलिस बल के साथ कलेक्टर अजय श्रीवास्तव, एसपी रसना ठाकुर भी मौके पर मौजूद रहे प्रशासन ने बाउंड्री वॉल को गिराना शुरू कर दिया। पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया । यहां पहले से बीएनएस की धारा 163 लागू है। इधर, भाजपा विधायक प्रदीप पटेल भी नईगढ़ी रेस्ट हाउस में मौजुद। शुक्रवार रात मनगवां विधायक नरेंद्र प्रजापति ने उनसे मुलाकात की थी। हालांकि उन्होंने अन्न नहीं लिया है।
किसी को भी गांव के अंदर जाने की अनुमति नहीं
लोगों को गांव के बाहर ही रोक दिया गया । किसी को भी गांव के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। यहां तक कि मीडिया को भी कार्रवाई स्थल पर जाने से रोक दिया गया । सडक़ के 500 मीटर दूर तक घेरा बनाया गया । बस्ती में आने-जाने वाले तीनों रास्तों को बंद कर दिया गया है। यहां करीब 5 जेसीबी और 5 से ज्यादा डंपर खड़े रखे गए। खाली जगह पर बनी बाउंड्री और अन्य अवैध निर्माण को तोड़ा गया।
आमरण अनशन से हुई विवाद की शुरुआत
दरअसल, रविवार 17 नवंबर सुबह करीब 11 बजे से हिंदू नेता संतोष तिवारी मंदिर के पास कब्जा हटाने की मांग लेकर अनशन पर बैठे थे। उनका कहना था कि 9 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी जमीन पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्जा किया हुआ है। इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाना चाहिए।
दो दिन तक जब प्रशासन ने कब्जा नहीं हटाया, तो मंगलवार शाम करीब 4 बजे भाजपा कार्यकर्ता जेसीबी लेकर पहुंच गए। थोड़ी देर बाद विधायक प्रदीप पटेल भी वहां पहुंच गए। विधायक ने कहा कि प्रशासन की बात पर अब भरोसा नहीं है। खुद अतिक्रमण हटाएंगे। विधायक प्रदीप पटेल ने बताया कि कब्जा हटाने के लिए चार महीने पहले प्रदर्शन किया था। कलेक्टर ने आश्वासन दिया था। इससे पहले भी कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब सब्र का बांध टूट गया है।
दोनों ओर से जमकर पथराव, नारेबाजी
अतिक्रमण हटाने की जानकारी मिलते मुस्लिम समुदाय के लोग भी मौके पर जमा हो गए। विवाद बढ़ा तो दोनों ओर से पत्थर फेंके गए। नारेबाजी होने लगी। इसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। सूचना पर कलेक्टर-एसपी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। फोर्स ने भीड़ को खदेड़ दिया। विधायक ने अतिक्रमण बताया, लोग बोले- सरकार ने पट्टा दिया 19 नवंबर को हुई पत्थरबाजी के बाद तीन दिन तक विधायक को रीवा, चौथे दिन नईगढ़ी के रेस्ट हाउस में नजरबंद रखा। रेस्ट हाउस के कमरे में विधायक ने दिन भर दरवाजा नहीं खोोला। शुक्रवार को मनगवां विधायक नरेंद्र प्रजापति भी मिलने पहुंचे थे, लेकिन बात नहीं बनी।
रीवा में दो दिन तक नजरबंद रहे मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल गुरुवार रात को पुलिस से झड़प कर भाग गए। वे समर्थकों के साथ सीधे देवरा गांव के महादेवन मंदिर पहुंच गए। जहां पुलिस ने उन्हें दोबारा हिरासत में ले लिया।
भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति अब मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटाएगा तो जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी बनती है कि वे अतिक्रमण हटाए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह बात उन्होंने शुक्रवार रात को नईगढ़ी रेस्ट हाउस में भाजपा विधायक प्रदीप पटेल से एक घंटे की मुलाकात के बाद कही। अब भाजपा के दो विधायक एक ही राह पर चलते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि अन्य विधायक अभी तक इस मामले में चुप्पी बनाए हुए हैं।
8 में से 7 विधायक भाजपा के
रीवा में कुल 8 विधानसभा सीटों में से 7 विधायक भाजपा के हैं। जिसमें से अब तक केवल मनगंवा विधायक नरेंद्र प्रजापति ही मऊगंज विधायक के समर्थन में आए हैं। जबकि सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह, गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह, रीवा विधायक और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, देवतालाब विधायक गिरीश गौतम, त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। यहां तक की हमेशा अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं बोला हैं।
भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने मीडिया से अपील की है कि उनकी बात हाईकमान तक पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया चाहेगी तो मेरी बात को हाईकमान तक पहुंचा देगी। विधायक प्रदीप पटेल के समर्थन में उतरे भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने कहा कि अगर प्रशासन पहले अलर्ट होता तो इस तरह की घटना नहीं होती।
ईदगाह की बाउंड्री को मुसलमानों ने स्वयं तुड़वाया
शासकीय भूमि में बने ईदगाह की बाउंड्री को अब्दुल वहाब, मोहम्मद रजा अंसारी पूर्व सरपंच धरमपुरा, हनीफ मोहम्मद, मोहम्मद अंसारी आदि मुस्लिम समाज के लोगों ने स्वयं खड़े होकर ईदगाह के लिए बनाई गई बाउंड्री को तुड़वा दिया और बयान देते हुए कहा कि हमारे मजहब में यह लिखा गया है कि विवादित स्थान पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती इसलिए हम सबको अब इस स्थान पर नमाज नहीं पढऩा है और इसकी आवश्यकता नहीं है इसलिए हम स्वयं खड़े होकर के इसको तुड़वा रहे हैं अब इस भूमि का हमारे लिए कोई उपयोग नहीं है क्षेत्र में आपसी भाईचारा बना रहे हम सब का यह प्रयास है।

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