मामला पीएम श्री विज्ञान महाविद्यालय रीवा का, सभी पेड़ हरे और छाया देने वाले थे
विशेष संवाददाता, रीवा
संभागीय मुख्यालय रीवा के प्रमुख कॉलेज पीएम श्री आदर्श विज्ञान महाविद्यालय परिसर में स्थापित पेड़ों के कटवाए जाने का मामला काफी तूल पकड़े हुए है। इस मामले को लेकर प्रशासन भी काफी गंभीर है क्योंकि पेड़ कटवाने को लेकर कोई परमिशन आदि नहीं ली गई थी।
आरोप है कि प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत आदर्श विज्ञान महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया था। यहां काफी मात्रा में बड़े पेड़ लगे हुए हैं। कहां गया है कि जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश को हरा भरा बनाने के लिए मां के नाम एक पेड़ योजना के तहत प्रयास कर रहे हैं एवं समय-समय पर शासन द्वारा पर्यावरण और उसके रखरखाव से संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाएं शैक्षणिक स्थल पर चलाई जाती हैं। वहीं दूसरी तरफ शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय रीवा जो कि वर्तमान में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस महाविद्यालय के रूप में अपनी पहचान बनाने में लगा हुआ है उसके प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय में ही वर्षों से अपनी पहचान बनाए हुए आम, नीम जामुन, शीशम, बरगद, चिरूल, सेमल और पाकड़ जैसे बेसकीमती हरे-भरे पेड़ों को निर्दयतापूर्वक कटवा दिया गया है।
जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकृति और पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं वहीं महाविद्यालय की प्राचार्य ने बिना किसी सक्षम अनुमति के इन बेसकीमती पौधों को कटवा दिया। इसके लिए इन्होंने जनभागीदारी समिति, कलेक्टर, आयुक्त, वन विभाग, नगर निगम के वृक्ष अधिकारी और उच्च शिक्षा विभाग तक को बताना उचित नहीं समझा और एक तरफा निर्णय लेते हुए महाविद्यालय परिसर को लगभग वीरान बना दिया। इस मामले में यह भी बताया गया है कि काटी गई लकड़ी की अनुमानित लागत लगभग 5 से 7 लाख बताई जा रही इस राशि का प्रबंधन द्वारा क्या किया गया, किस तरह से इसको ठिकाने लगाया गया यह जांच का विषय है।