नगर प्रतिनिधि, रीवा
पूरे प्रदेश में पुलिस शहीद दिवस मनाया गया। रीवा के पुलिस लाइन में भी 9वीं बटालियन ने शहीद दिवस मनाया। जहां वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें सलामी दी गई। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद रहा।
रीवा जोन के आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि शहीद हुए जवानों की याद में सोमवार को पुलिस जवानों ने परेड की। जहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सलामी दी गई। जवानों ने देश विरोधी ताकतों के मंसूबों को नाकाम करने की शपथ ली है।
21 अक्टूबर 1959 को सीआरपीएफ के 10 बहादुर जवानों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी, उस दिन से हम हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। पिछले साल 216 पुलिसकर्मियों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। आजादी के बाद से अब तक 36,468 पुलिसकर्मियों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
इसलिए यादगार है आज का दिन
तिब्बत में चीन के साथ भारत की 2500 मील लंबी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की तीन बटालियन पर थी। पहले दो बटालियन अपनी गस्त पूरी करके वापस आ गए लेकिन तीसरी बटालियन गस्त से वापस नहीं लौटी। उत्तर-पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में तैनात इन पुलिस कर्मियों की टुकड़ी पर चीनी सेना ने घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें हमारे 10 जवान शहीद हो गए वहीं 7 जवान घायल हो गए। इस बटालियन का नेतृत्व डीएसपी करम सिंह द्वारा किया जा रहा था। छिपने की जगह न होने की वजह से डीएसपी करम सिंह सहित 10 जवान शहीद हो गए वहीं 7 जवानों को चीनी सेना ने बंधक बना लिया। पुलिस कर्मियों के बलिदान और देश के लिए किये गए योगदान को देखते हुए जनवरी 1960 में पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में 21 अक्टूबर को हर साल पुलिस दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। इस दिन को पुलिस बल के साथ राज्य पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बल और अर्ध सैनिक बल इस दिन को एक साथ मिलकर मनाते हैं।