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सरकारी माल के मामले में जिसको जहां मिल रहा मौका, कर रहा लूट, एफआईआर होते ही मच गया हडक़ंप, तीन सस्पेंड

10 महीने से था मामला चर्चाओं में, एक मिलर पर भी कार्यवाही
मामले में डिप्टी सीएम की एक पुराने कर्मचारी का नाम सामने आने से मामला हो गया था गंभीर

विशेष संवाददाता, रीवा

जिसको जब जहां मौका मिल जाता है हाथ मारने से पीछे नहीं हटता है। सरकारी धान की खरीदी के बाद उसे चावल बनाने के लिए मिल में भेजने और सप्लाई के नाम पर रीवा में एक बड़ा घोटाला हो गया। जिसकी जांच कई महीने से चल रही थी। जांच रिपोर्ट आते ही राजनीतिक खेमे में हडक़ंप मच गया। क्योंकि अपरोक्ष रूप से इस मामले में विंध्य के कद्दावर भाजपा नेता और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का नाम लिया जा रहा था। फिलहाल कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई है तथा तीन अधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं। एक मिलर पर भी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
बताया गया है कि यह घोटाला काफी पुराना हो गया है। जब यह मामला सामने आया था तो कलेक्टर प्रतिभा पाल ने तीन अधिकारियों की एक टीम गठित की, जिसके बाद इस मामले की जांच की गई। टीम ने जांच के बाद रिपोर्ट पेश की। जिसके बाद संबंधित अधिकारी लक्ष्मण अहिरवार सहित एक मिलर्स के खिलाफ एफआईआर कराने का आदेश कलेक्टर ने जारी किया। साथ ही तीन अन्य लोगों को निलंबित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि यहां 96000 क्विंटल से ज्यादा यानी की लगभग 12 करोड़ रुपये से अधिक का चावल घोटाला कर दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि जिस चि_ी के आधार पर चावल जमा कराया गया था, वो गलत तरीके से बनाई गई थी। जिसमें एक मिलर्स की भूमिका भी निकल कर सामने आई।
इस मामले में कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने रीवा जिला खाद्य अधिकारी सहित जिला आपूर्ति निगम के जिला अधिकारी के अलावा वेयर हाउस के जिला अधिकारी को शामिल करके एक जांच दल बनाया था । जिसके बाद इस मामले की जांच की गई। इस घोटाले में डिप्टी सीएम के एक पुराने कर्मचारी का नाम भी सामने आ रहा था। जिसके चलते जांच टीम ने तमाम बिंदुओं पर बारीकी से जांच की और फिर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें धान और चावल को लेकर बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। जैसे ही यह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, विभाग में तो हडक़ंप मचा ही , राजनीतिक क्षेत्र में भी हडक़ंप मच गया।
अब कई मिलर भी निशाने पर
धान का यह खेल रीवा जिले में लंबे समय से खेला जा रहा था। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि इस खेल में काफी बड़े नाम शामिल है। अभी जो घोटाला सामने आया है। इसमें एक नाम ऐसा भी आ रहा था जिसको लेकर सब चौक रहे थे। फिलहाल एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन की ओर से लगातार जांच जारी है। सबसे बड़ी बात जो चावल एफसीआई में जमा करना था वो अन्य गोदाम में पाया जा रहा है। उसे भी लगातार जब्त किया जा रहा है। कुल मिलाकर यह मामला सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि प्रथमदृष्टया गठित जांच समिति ने जो जांच की है वह सही है। अब जब एफ आई आर हो गई है तब यह देखना होगा कि पुलिस की विवेचना अब कितने दिन चलेगी और किस-किस के नाम सामने आएंगे। वही यह भी कहा जा रहा है कि मामला कुछ दिनों बाद ठंडा हो जाएगा और लापता हो जाएगा।
ट्रक हुआ लापता, एफसीआई में मचा हडक़ंप, दे रहे गोलमोल जवाब
एक ओर जहां चावल घोटाले से जुड़े लोगों पर पुलिस में मुकदमा दर्ज हो रहा था, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को भारतीय खाद्य निगम के रीवा कार्यालय में तब हडक़ंप मच गया जब रेलवे ट्रैक के लिए गया हुआ एक ट्रक चावल लापता हो गया। ट्रक क्रमांक एमपी 17 एच एच 4319 रुद्र वेयरहाउस से रवाना हुआ था और उसे रेलवे स्टेशन पहुंच कर रेक में लोडिंग करानी थी। निर्धारित समय तक जब तक नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश शुरू हुई। ट्रक मालिक को भी फोन लगाया गया एवं तमाम उसकी लोकेशन ली गई, जब ट्रक नहीं मिला तो लोग चौकी शाहपुर रिपोर्ट लिखाने पहुंचे, लेकिन शाहपुर वालों ने सीधे थाने की ओर रवाना कर दिया। वहां भी यह आवेदन दिया गया कि ट्रक लापता है। इस मामले की खबर मीडिया तक पहुंच गई। बताया गया है कि उक्त ट्रक रेलवे रैक में नहीं लग पाया और रेल चली गई। इस मामले में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अरुण सोहगौरा ने इस संबंध में कहा कि ऐसा कुछ नहीं हो पाया है केवल अफवाहें हैं, ट्रक के पट्टे टूट गए थे, इसलिए वह रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंच सका। जबकि जानकार सूत्र बता रहे हैं कि ट्रक को रेलवे स्टेशन पहुंचना था लेकिन उसका लोकेशन चोरहटा बाईपास के पास होना बताया गया। अब सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रक को रेलवे स्टेशन जाना था लेकिन वह चोरहटा बाईपास कैसे पहुंच गया। इस संबंध में ट्रक मालिक भी अनभिज्ञता ही जाहिर करते रहे। कुल मिलाकर मामला काफी गंभीर हो गया, लेकिन हल्ला हो जाने के कारण अब चावल बच गया। इस ट्रक में 287 क्विंटल से ज्यादा चावल लोड था। यह मामला दिन भर आज चर्चाओं मे रहा।

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