किसान हो रहे परेशान, कोई सुनने वाला नहीं : कुवंर
विशेष संवाददाता, रीवा
जिले के धान उपार्जन केन्द्रों में रजिस्ट्रेशन कराने जा रहे किसान वापस लौट रहे हैं क्योंकि उनके खेतों में बोई फसल की गिरदावली ही दर्ज नहीं है जिससे रजिस्ट्रेशन के दौरान कम्प्यूटर सर्वर एक्सेप्ट ही नहीं कर रहा है। रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों से कहते हैं कि पहले पटवारी से गिरदावरी दर्ज कराओ तब रजिस्ट्रेशन होगा, किसान मायूस होकर लौट रहा है तथा अब पटवारी को ढूंढ रहा है। यह स्थिति सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक सामने आई है।
उधर कांग्रेस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष किसान नेता कुंवर सिंह ने धान के रजिस्ट्रेशन में जिला कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल जी से निवेदन किया है कि पूरे जिले के अंदर 4 तारीख को धान के रजिस्ट्रेशन की अवधि समाप्त हो जाएगी लेकिन किसी भी पटवारी हल्के में अभी गिरदावली दर्ज नहीं है जिससे धान के रजिस्ट्रेशन में भारी दिक्कत आ रही है किसाने के द्वारा धान के रजिस्ट्रेशन का कार्य अधूरा हो रहा है यदि किसी भी कृषक के तीन या चार नंबर है तो उसमें मुश्किल से एक नंबर ही रजिस्ट्रेशन में दिखाई दे रहा है जबकि सही मौके स्थिति पर जाकर अगर गिरदावली दर्ज की जाए तो किसानों को भी दिक्कत नहीं होगी तथा रजिस्ट्रेशन भी सही तरीके से हो सकेगा लेकिन राजस्व के अधिकारियों के उदासीनता लापरवाही के चलते आज किसानों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जिला कलेक्टर जी से आग्रह है की गिरदावली दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को स्पष्ट व सख्त आदेश दें ताकि किसानों का धान का पंजीयन हो सके और आने वाली फसल को सुचारू रूप से बेच सके।
कृषि उपज मण्डी करहिया, ऑनलाइन सेंटर वीड़ा, सेमरिया आदि में सैकडों किसान आज अपनी ऋण पुस्तिका एवं खसरा लिये घूम रहे थे और पटवारियों को कोसते हुये लौट रहे थे। उधर कलेक्टर के संज्ञान में यह मामला लाया गया है देखना यह है कि अगले तीन दिनों के भीतर पटवारी किस स्तर पर गिरदावरी करते हैं।