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रीवा की राजनीति हुई गरम, खतम हुआ राजनीतिक धरम सांसद का एक बयान, चारों ओर मचा घमासान

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी पर टिप्पणी का मामला गरमाया
पूरे मुद्दे पर भाजपा नेताओं ने काटा किनारा, रीवा के कांग्रेसियों ने लिया आड़े हाथों

अनिल त्रिपाठी, रीवा

लोकसभा सांसद जनार्दन मिश्रा द्वारा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे स्व श्रीनिवास तिवारी से जुड़ी टिप्पणी के बाद इन दिनो जहां विपक्षी नेताओं के निशाने पर हैं वही भाजपा के भी कई नेता उनकी इस टिप्पणी से सहमत नहीं है। कांग्रेसी पुतला दहन कर रहे हैं चारों ओर सांसद द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर टिप्पणियां की जा रही है। जिसको लेकर पिछले दो दिनों से घमासान मचा हुआ है।
हुआ यह कि तीन दिनों पहले जब सिरमौर चौराहे में थर्ड लेग फ्लाई ओवर का उद्घाटन हो रहा था उस समय रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ 20 साल पहले कांग्रेस के जमाने का उल्लेख करने लगे थे और इसी दौरान उन्होंने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के कार्यकाल को याद करते हुए कई टिप्पणियां कर बैठे। मंच में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी मौजूद थे। इस समय वहां मौजूद लोगों ने लोकसभा सांसद की टिप्पणियों पर जमकर तालियां भी बजाई। बाद में सांसद श्री मिश्र की विशेष टिप्पणियों का अलग से वीडियो जब वायरल होने लगा तब मामला गंभीर हुआ। इस मामले में भाजपा के वर्तमान विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के नाती सिद्धार्थ तिवारी राज द्वारा इस टिप्पणी को जब दुर्भाग्यपूर्ण बताया तो उस पर भी सांसद ने ऐसी टिप्पणी कर दी कि मामला और गंभीर हो गया। इसके बाद से राजनीतिक तौर पर घमासान की स्थिति बन गई। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली वहीं उनके परिवार से जुड़ी हुई तथा कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष कविता पांडे ने भी इसका प्रतिकार किया। अब यह मामला तूल पकड़े हुए हैं। उधर प्रदेश हाई कमान के संज्ञान तक यह मामला पहुंच गया है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले को प्रदेश हाई कमान ने भी गंभीरता से लिया है और फिलहाल सांसद से चुप रहने को कहा गया है।
क्या थी सांसद द्वारा की गई टिप्पणी
प्रथम टिप्पणी : अगर आज शहर की सडक़ में कहीं पर एक गड्ढा होता है तो अखबार की सुर्खियां बन जाता है। लेकिन कभी यहां की सडक़ों पर गड्ढे ही गड्ढे हुआ करते थे। तब यहां के नेता श्रीनिवास तिवारी हुआ करते थे। वह यहां सर्वे सर्वा माने जाते थे । जबकि वह अपने जीवन में एक गड्ढा तक नहीं भरवा पाए । फिर भी उन्हें दईयू ( भगवान) कहा जाता था । उन्हें विशेष नारा दिया जाता था दादा न होही दईयू आंही, वोट न देबे तऊ आही।
दूसरी टिप्पणी : श्रीनिवास तिवारी के कार्यकाल में आतंक , गुंडागर्दी, लूट, पक्षपात की राजनीति हुआ करती थी। उसको तो हम बोलेंगे ही। हम लगातार यह बोलते भी आए हैं। पोते ने बीजेपी में अपने आप को मर्ज किया है, भाजपा पोते के साथ मर्ज नहीं हुई है, अगर परिवार का हिस्सा है तो वह सुने, उनके बाबा ने क्या किया है।
पार्टी फोरम में शिकायत दर्ज करा दी है : राज
इस मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते और त्योँथर विधानसभा क्षेत्र से विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज कहते हैं कि मैंने वीडियो क्लिपिंग देखी है , कार्यक्रम में तो मैं नहीं था। यह टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है, वह भी किसी राजनेता नेता के खिलाफ। मेरे बाबा एक बड़े राजनीतिक कद के व्यक्तित्व थे। सर्वहारा वर्ग के उत्थान और विंध्य के विकास के लिए पूरा जीवन न्योछावर किया था। विंध्य और प्रदेश के लाखों लोग उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। इस टिप्पणी से वे भी आहत हुए हैं। इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए किसी ऐसे बड़े व्यक्तित्व के व्यक्ति के बारे में, जब वह दिवंगत हो चुके हैं। यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है। अगर उनसे किसी को गुरेज है तो वह सीधे मुझसे बात कर सकते हैं। भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। इसलिए यह मामला में पार्टी फोरम में ही उठाऊंगा और अपनी शिकायत दर्ज करा दी है। मुझे पता नहीं क्यों टारगेट किया जा रहा है, यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है।
17 सितंबर को जयंती मनाने का अधिकार नहीं : धनेंद्र
नगर पालिका निगम रीवा के पार्षद धनेंद्र सिंह बघेल ने कहा है कि रीवा सांसद द्वारा स्व श्री युत श्रीनिवास तिवारी के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने वाले रीवा के रिमोट कंट्रोल सांसद जनार्दन मिश्रा ने अपनी सोच के अनुरूप जो टिप्पणी की है वह अशोभनीय है और निंदनीय है। विंध्य ही क्या, पूरे प्रदेश के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इन्होंने कहा है कि इससे पूरे ब्राह्मण समाज का भी अपमान हुआ है। नहीं तो ऐसे में उनके नाती सिद्धार्थ तिवारी राज को भाजपा से इस्तीफा दे देना चाहिए। इन्होंने कहा कि अगर वह इस्तीफा नहीं देते तो वह किस अधिकार से 17 सितम्बर को उनकी जयंती पर त्योंथर में आयोजन कर रहे हैँ। उन्हें भाजपा मे रहते हुए परम पूज्यनीय श्रीनिवास तिवारी का जन्मदिन दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है।
विरोध : शिल्पी प्लाजा में कांग्रेस ने किया सांसद का पुतला दहन
जिला कांग्रेस कमेटी के निर्देशन में सभी कांग्रेसी शिल्पी प्लाजा पहुंचे और संसद की टिप्पणी का विरोध करते हुए लोकसभा सांसद जनार्दन मिश्रा का पुतला दहन किया। महापौर अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि सांसद की इस तरह की अभद्र टिप्पणी से रीवा ही नहीं वरन् सभी विंध्य वासियों को गहरी चोट पहुंची है। श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करना सांसद को शोभा नहीं देता। कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष लखनलाल खण्डेलवाल, विमलेन्द्र तिवारी, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, रामकीर्ति शर्मा, अखिलेश द्विवेदी काकू, गोविन्दास तिवारी, कविता पाण्डेय, गिरीश सिंह, रवि तिवारी, सज्जन पटेल, चंद्रमणि शुक्ला, शत्रुघ्न सिंह सलैया, शहीद मिस्त्री, मनीष गुप्ता, डॉ. अशोक चतुर्वेदी,अकरम अंसारी, धनेन्द्र सिंह बघेल, रवि तिवारी, अमित चौबे, डॉ. विमल दुबे, हर्षलाल शुक्ला, जी.पी. त्रिपाठी, बृजवासी मिश्रा, अर्चना द्विवेदी, पवन पाठक, अरूण मिश्रा मुन्ना, बृजेश शर्मा, हिम्मत सिंह, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, नरेश गुप्ता, मनिकलाल सोनी सहित सैकड़ों कांग्रेसी एवं श्रीयुत समर्थक मौजूद रहे।
दादा का अपमान बर्दाश्त नहीं, सांसद माफी मांगे: एनएसयूआई
कॉलेज चौराहा में विंध्य के सफेद शेर व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित श्रीनिवास तिवारी पर बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा द्वारा अभद्र टिप्पणी करने के विरोध में पुतला जला कर विरोध जताने का प्रयास किया गया। पुलिस प्रशासन द्वारा पुतला जलाने से रोका गया। जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने बताया कि श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी जनता जनार्दन के हमेशा पूज्यनीय रहे हैं। विंध्य की जनता के लिए जो योगदान दिया वह शब्दों में कह पाना कठिन है, लेकिन रीवा सांसद जो एक कठपुतली के रूप में काम कर रहे हैं जो अपनी दम पर एक आरसीसी सडक़ का निर्माण नहीं करवा पाए, ऐसी टिप्पणियां कर अपने को चर्चा में बनाए रखने का प्रयास करते हैं। हमारी मांग है की रीवा सांसद सार्वजनिक रूप से माफी मांगे अन्यथा रीवा एनएसयूआई उनके आवास का भी घेराव करेगी। पुतला जलाने में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय के अलावा उपाध्यक्ष सत्यम मिश्रा, मानवेंद्र सिंह, शिवम मिश्रा, शशिमोल तिवारी, विमल पटेल, बलराम तिवारी, संजीव शुक्ला, मोहित शुक्ला, अजय सिंह, अभिषेक तिवारी, अभिषेक पांडे, अंकित मिश्रा, संस्कार त्रिपाठी, शुशील साकेत, निष्कर्ष मिश्रा, प्रांशु द्विवेदी, रोहित यादव, रजनीश यादव, शिवेंद्र भार्गव, सनी कनोजियाआदि सैकड़ो की संख्या में छात्र नेता मौजूद रहे।

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