फर्जी आधार कार्ड बनाकर तैयार किये जाते हैं भूमि स्वामी
अनाधिकृत व्यक्ति सरकारी कम्प्यूटर से करते हैं छेड़छाड़
नगर प्रतिनिधि, रीवा
कर्मचारियों की कमी के चलते रजिस्ट्री कार्यालय में ऐसे व्यक्तियों द्वारा काम किया जा रहा है जो कार्यालय के अंदर वगैर किसी काम के प्रवेश करने तक की पात्रता नहीं रखते हैं। जिन अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री कार्यालय में कार्यों को अंजाम दिया जा रहा वह सिर्फ काम ही नहीं करते बल्कि खुलेआम दलाली करते हुए कार्यालय की गोपनियता भंग करने में भी कोई परहेज नहीं करते। इतना ही नहीं ऐसे किसानों को स्लाट बुक कराने के लिए हफ्तों रजिस्ट्री कार्यालय का चक्कर लगाने पड़ते हैं जो इन दलालों के माध्यम से स्लाट बुक नहीं करते हैं।
दलालों के माध्यम से बुक होता है स्लाट
कलेक्ट्रेट परिसर पर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय जहां पर कोई सामान्य व्यक्ति अगर खुद ही अपने कागजात पूरे कर स्लॉट बुक करने के बाद रजिस्ट्री करने का प्रयास करें तो कार्यालय में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी कोई न कोई त्रुटि निकाल कर उस व्यक्ति को परेशान कर डालते हैं और उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाती। वहीं अगर कोई व्यक्ति दलालों के माध्यम से रजिस्ट्री करवाना चाहता है तो आनन फानन में स्लॉट भी बुक हो जाता है और महज कुछ घंटे की माथा पच्ची के बाद आसानी से रजिस्ट्री भी हो जाती है। कार्यालय में पदस्थ अधिकारी ना तो गवाहों से कोई पूछताछ करते हैं ना ही किसी प्रकार की कोई जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं केवल गवाह की फोटो खींचकर एवं हस्ताक्षर करवाकर ए प्रक्रिया को अंजाम दे दिया जाता है।
प्रति रजिस्ट्री में ऊपर से लेकर नीचे तक सबका प्रतिशत के हिसाब से हिस्सा फिक्स रहता है। जिसका हिसाब किताब कार्यालय बंद होने के 10 बजे तक होता है।
कलेक्ट्रेट स्थित इन दिनों पंजीयन कार्यालय में खुलेआम अफसरों की तानाशाही उजागर हो रही है, जिसमें मनमानी तरीके से वहां तैनात रजिस्ट्री आफिसर द्वारा प्रायवेट व्यक्तियों से रजिस्ट्री के कार्य कराए जा रहे हैं। जबकि रजिस्ट्री का कार्य करने वाले प्रायवेट कर्मचारियों को कार्यालय में ना तो आउटसोर्स कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति किया गया है और न ही उनकी संविदा नियुक्ति है। बावजूद इसके वह रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी बनकर वहां रखे कंप्यूटरों से छेड़छाड़ करते हैं और फर्जी जमीनों की रजिस्ट्री में सांठगांठ करते हैं। वहीं कार्यालय की जिम्मेदारी सम्हालने वाली जिला पंजीयक अधिकारी संध्या सिंह मौन साधना में लीन होकर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की करतूते देख रही है।
फर्जी रजिस्ट्री से बढ़ी आमजन की परेशानी
दरअसल पंजीयन कार्यलय से आए दिन जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले सामने आते हैं, जिसमें किसी भी अन्य की प्रायवेट जमीन या फिर शासकीय जमीन का फर्जी आधार कार्ड बनाकर भूमि स्वामी तैयार किया जाता है और उसे किसी अनजान व्यक्ति को बेच दिया जाता हैं और फिर भूमि खरीदने वाला वह अनजान शख्स अपने रजिस्ट्री के कागज लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने लगता है। उसको उस जमीन का नक्शा खसरा सहित ऋण पुस्तिका नहीं मिल पाती। इस खेल में पंजीयन कार्यालय में तैनात इन्हीं प्रायवेट व्यक्तियों की सांठ गांठ होती है जो मोटी रकम पहुंचाते हैं।
प्राइवेट व्यक्तियों की दखलंदाजी
बताया जा रहा है कि पंजीयन कार्यालय में फर्जी तरीके से काम कर रहे प्रायवेट व्यक्तियों के द्वारा सरकारी कंप्यूटरों से छेड़ छाड़ करते हुए लोगों की रजिस्ट्री के सारे काम किए जाते हैं। जिसमें पक्षकार की फोटो खींचना और सिग्नेचर सहित रजिस्ट्री से जुड़े तमाम काम शामिल रहते हैं। इसके अलावा पंजीयन कार्यलय में रखे सभी कंप्यूटर बाहर से आया कोई भी व्यक्ति छू देता जिसमें विभाग के कर्मचारियों की कोई रोक टोक नहीं होती ऐसे में कार्यलय के जरूरी दस्तावेजों की जानकारी भी लीक होती है जिससे फर्जी लोगों की सक्रियता बनी रहती है।
सहायक ग्रेड ३ को उप पंजीयक का प्रभार
रजिस्ट्री कार्यालय में ३ उप पंजीयक के पद स्वीकृत किये गये हैं जिसमें सिर्फ १ पंजीयक का पद भरा हुआ है। उप पंजीयक के कमी के कारण सहायक गे्रड ३ को उप पंजीयक का प्रभार दिया गया है। कार्यालय में जिम्मेदार अधिकारियों की कमी का नतीजा है कि इस कार्यालय में अनाधिकृत व्यक्ति घुसकर अवैध कमाई कर रहे हैं। नाजायज काम करते समय शासकीय कर्मचारियों में कहीं न कहीं नौकरी जाने का भय रहता है लेकिन इन्हें किसी बात का डर नहीं है। इनका लक्ष्य है पैसा कमाना।