विंध्यभारत, रीवा
न्यायालय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट समक्ष केशव सिंह के न्यायालय ने एनडीपीएस के एक मामले में आरोपी को 10 साल का शास्त्रम कारावास एवं 1 लाख़ रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है।
मामले के संबंध में बताया गया है कि दुर्गेश उर्फ दुर्गा शर्मा पिता देवदत्त शर्मा उम्र 26 वर्ष निवासी गंगेव थाना मनगवां जिला रीवा को मनगवां का अपराध क्र.265/2022 धारा 8 (सी) 21 (सी) सहपठित धारा 29 स्वापक औषधि और मनह प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के अन्तर्गत आरोपी को दोष सिद्ध पाते हुए उपरोक्त धाराओं में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व एक लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का दण्डादेश पारित किया है । अर्थ दण्ड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाय। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक नीलग्रीव पाण्डेय द्वारा की गई।
घटना के संबंध में बताया गया है कि 4 जून 2022 को हमराह स्टाफ सहित शासकीय वाहन से एनडीपीएस एक्ट के फरार आरोपी दुर्गा उर्फ दुर्गेश शर्मा की तलाश हेतु निरीक्षक जेपी पटेल मय हमराह स्टाफ सहित रवाना हुये और जब गंगेव पहुंचे तो मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि फरार आरोपी अपने घर मे है , जिस पर पुलिस बल आरोपी के घर पहुंचा तो आरोपी दुर्गा उर्फ दुर्गेश अपने पक्के घर के अन्दर घुसकर घर में लगे लोहे के दरबाजे को अंदर से बंद कर लिया व आबाज देने पर दरबाजा न खोलने पर मोबाइल के माध्यम से पुलिस द्वारा कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तहसील मनगवां अनुराग त्रिपाठी व नायब तहसीलदार दिलीप सोनी को मौके पर बुलाया। जिस पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के द्वारा समझाइस देने के बावजूद दरबाजा न खोलने व आरोपी के परिजन लाठी डंडा लोहे की राड लेकर एक राय होकर पुलिस बल पर हमला कर दिये। जिससे पुलिस बल संयम से अपने आप का बचाव किया , जिस पर आरोपी के परिजनों द्वारा अपने कच्चे घर में स्वयं पुलिस को यह धमकी देते हुए कि वह फंसा देगें और अपने कच्चे घर के छप्पर आग लगा लिये। जिस पर सरहदी थानो के पुलिस बल व स्टाफ को मौके से बुलाया गया। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के द्वारा आरोपी के बंद कमरे का दरबाजा खुलवाया गया तो आरोपी कमरे मे छिपा बैठा था जिससे स्वतंत्र साक्षियों की उपस्थिति में आरोपी के कमरे में बने तहखाने में हरे रंग की बोरी में नशीली कफ सिरप की सीसियां भरी पाई गई। जिसकी गणना करने पर 50 सीसी होना पाया गया। मौके से पुलिस द्वारा लिखापढ़ी जप्ती की गिरफ्तारी व पंचनामे तैयार कर आरोपी को जप्तमाल सहित थाना मनगवां आकर आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया। विवेचना पश्चात् चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया आरोपी के विरुद्ध धारा 8 (सी) का उल्लंघन करके धारा 21 (सी) एनडीपीएस एक्ट का संज्ञान लिया जाकर विचारण किया गया । विचारण दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक नीलग्रीव पाण्डेय द्वारा 11 अभियोजन साक्षी और 30 दस्तावेज परीक्षित कराये गये । जिस पर आरोपी को दोषी पाया गया। दण्ड के प्रश्न पर उभयपक्ष को सुना गया। आरोपी दुर्गेश उर्फ दुर्गा शर्मा पुत्र देवदत्त शर्मा को उपरोक्त धाराओं के अन्तर्गत 10 वर्ष का सश्रम कारावास व एक लाख रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगताया जाय।