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सतना जंक्शन स्टेशन पर अवैध वेंडरों की बहार,

शिवेंद्र तिवारी

मानिकपुर तक फैला असर लाईसेंसी ठेकेदारों का खेल, वैध से ज्यादा दौड़ रहे हैं अवैध वेंडर्स..

सतना। मुंबई – हावड़ा मेन रेल लाइन पर पड़ने वाले सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन में एक बार फिर अवैध वेंडर्स का बोलबाला नजर आने लगा है। बताया जाता है कि जिन ठेकेदारों को जबलपुर रेल मंडल ने विभिन्न सामान बेंचने के लिए ठेका दिया है, उनके द्वारा ही डंके की चोंट पर आधा सैकड़ा से अधिक अवैध वेंडर्स रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों में घुसा दिए गए हैं। सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन से लेकर मानिकपुर रेलवे स्टेशन तक अवैध वेंडर्स का मजबूत दखल नजर आता है। सूत्रों की मानें तो स्थानीय स्टेशन प्रबंधन, आरपीएफ और जीआरपी के खुले संरक्षण में ही अवैध वेंडर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारतीय रेल द्वारा सभी रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडरों को प्रतिबंधित किया गया है और वहीं सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर सब तमाशा खुले आम हो रहा है। गलत काम को बढ़ावा देने के एवज में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को ठेकेदारों द्वारा हर महीने नगद उपहार दिया जाता है। बताया जाता है कि सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली रेलगाड़ियों में आपको विभिन्न रंग की टी शर्ट पहने हुए अवैध वेंडर जरुर नजर आ जाएंगे। सतना रेलवे स्टेशन से मानिकपुर रेलवे स्टेशन के बीच अवैध वेंडर को उतारने का काम जिन ठेकेदारों द्वारा किया जाता है, उनमें चुन्नू खटिक, मुन्नू खटिक, विष्णु यादव, विष्णु खटिक सहित अन्य शामिल हैं। पचास से अधिक अवैध वेंडर्स का गिरोह रेलगाड़ियों को अपना निशाना बनाता है।

तंबाकू युक्त गुटखा और सिगरेट की होती है बिक्री

बताया जाता है कि चिंहित ठेकेदारों के संरक्षण में पचास से अधिक अवैध वेंडर्स रेलगाड़ियों और रेलवे स्टेशन पर बने रहते हैं। जानकारी के अनुसार इन अवैध वेंडर्स द्वारा चना, बेल, विभिन्न कंपनी के तंबाकू युक्त गुटखा, अलग-अलग वेरायटी की सिगरेट को बेरोकटोक रेलगाड़ियों में बेंचा जाता है। नशा मुक्ति अभियान को ठेंगा दिखाने का काम ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि कुछ ठेकेदारों को रेलवे द्वारा जिस सामग्री को बेंचने का ठेका दिया गया है, वह उसे छोड़कर दूसरा सामान बिकवा रहे हैं। अवैध वेंडर्स नशा बेंचने का काम रेलवे पुलिस, जीआरपी और स्टेशन प्रबंधन के संरक्षण में कर रहे हैं।

पुलिस और प्रबंधन को बराबर मिलता है नजराना

रेलगाड़ियों में अवैध वेंडर की मौजूदगी पुलिस और प्रबंधन की देन होती है, ऐसे में जिम्मेदारों को खुश करने का काम सभी ठेकेदारों द्वारा जिम्मेदारी के साथ किया जाता है। रेल सुरक्षा बल, जीआरपी और स्टेशन प्रबंधन के जिम्मेदारों को हर महीने अवैध वेंडर के एवज में नजराना पेश किया जाता है। चंद रुपयों के लिए पुलिस के साथ साथ स्टेशन प्रबंधन में शामिल जिम्मेदार लोगों द्वारा अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब रेलवे के अधिकारी और पुलिस ही अवैध वेंडर्स पैदा कर रही है तो फिर सवाल यह उठता है कि सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन को इस समस्या से कौन बचाएगा?

आज आएंगे डीआरएम, क्या अवैध वेंडर पर संज्ञान लेंगे मंडल रेल प्रबंधक?

जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक शील एक दिवसीय प्रवास के लिए सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन शुक्रवार को आ रहे हैं। डीआरएम दौरा तय होते ही सतना जंक्शन का पूरा अमला सावधान हो गया है। सतना जंक्शन रेलवे स्टेशन से लेकर मानिकपुर रेलवे स्टेशन तक गंभीर समस्या बन चुके अवैध वेडर्स को लेकर क्या मंडल रेल प्रबंधक गौर फरमाएंगे? अवैध वेंडर्स की बढ़ती संख्या पुलिस और प्रबंधन की पोल खोल रहा है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि डीआरएम विवेक शील पूरे मामले को लेकर क्या गंभीरता दिखाते हैं।

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