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पंचायत सचिव ने लूट लिया गांव वालों को

राशनकार्ड तथा पेंशन बनवाने के नाम पर जमकर कर रहा वसूली
पूर्व में पदस्थ पंचायत में सचिव के नाम लाखों की है रिकव्हरी

नगर प्रतिनिधि, रीवा

रीवा जिले के जवा तहसील के वीरपुर पंचायत का मामला प्रकाश में आया है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बीरपुर के सचिव के द्वारा पात्र हितग्राहियों से वसूली की जा रही है मोटी रकम मोहनलाल कुशवाहा से राशन व पेंशन दिलाए जाने के एवज मे बीरपुर सचिव दिनेश सिंह द्वारा 6000/ हजार रुपए लिया गया.वही राम गरीब प्रजापति से वृद्धापेंशन दिलाए जाने के नाम पर घर बुलाकर 1000/ रूपये लिया गया,और आज तक पेंशन नही जारी किया गया और संतोष दुबे से 300/ रुपये राशन कार्ड बनाये जाने के नाम पर लिया गया.और आज तक राशन कार्ड नही बना, एवं सुग्गालाल कोल का वृद्धापेंशन बनाए जाने के नाम पर सचिव द्वारा 5000/हजार रूपए की मांग किया गय, जबकि जमीनी हकीकत देखा जाय.तो ये निहायत गरीब हैं,पेंशन पाने के योग्य है सही ढंग से इनके रहने के लिए घर व मकान नही है. किसी तरह अपना घर परिवार चला रहे हैं,पांच हजार रुपए की व्यवस्था सचिव को देने के लिए नही हो पाई, जिसके कारण वृद्धापेंशन नही बना.जबकि हितग्राहियों से पैसा लेना कर्मचारी सेवा अधिनियम के बिपरीत कार्य है,जो भ्रष्टाचार की श्रेणी मे आता है,एवं पंचायत सेवा के विरूद्ध कार्य है। ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर सेवा से समाप्त किया जाना चाहिए। जबकि सचिव स्थायी सरकारी कर्मचारी होता है, और पंचायत के प्रशासकीय कार्य करने व सामुदायिक एंव हितग्राही मूलक कार्यों का समाधान करने के लिए नियुक्त होता है ना कि भ्रष्टाचार के लिए सचिव दिनेश प्रताप सिंह द्वारा पंचायत के किसी भी हितग्राही का कार्य बिना सुविधा शुल्क लिए नही किया जाता है एवं हितग्राहियों को परेशान कर गुमराह किया जाता है..किसी भी हितग्राही का कार्य समय पर नही किया जाता। जिससे ग्राम पंचायत का विकास कार्य प्रभावित होता है।
30 लाख रिकव्हरी की है नोटिस
पूर्व मे जिस जिस पंचायत मे ये पदस्थ थे यही हाल वहा भी था, पूर्व मे ग्राम पंचायत बरेली मे वित्तीय अनियमितता के जांच मे इनके ऊपर लगभग 3,00000 (तीस लाख) रूप. का रिकवरी अधिरोपित किया गया था शासन-प्रशासन वा जिला कलेक्टर से मांग है की भ्रष्ट सचिव के प्रति उच्च स्तरीय जांच कराकर दंडात्मक कार्यवाही की जाए। जिसकी जांच आवश्यक है जिसका खुलासा तो जांचोंपरान्त ही सम्भव है किन्तु देखने वाली बात होगी कि ऐसे भृष्टाचार में लिप्त सचिव के खिलाफ कार्यवाही होगी भी या इसी तरह से चलता रहेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है।

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