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सालों बाद भी नहीं कर सके लाखों की बिजली चोरी की रिकव्हरी, विभागीय कर्मचारी की पत्नी को बचाने के प्रयास में बिजली विभाग

पूर्व विद्युत वितरण क्षेत्र कम्पनी के कर्मचारी भी अब तक करते रहे हीला-हवाली
सामान्य आदमी का होता मामला तो अब तक भेजवा दिया गया होता जेल

नगर प्रतिनिधि, रीवा

विगत १ वर्ष पूर्व टीएचपी (उत्पादन) सिरमौर में पदस्थ एक कर्मचारी के सेमरिया स्थित मकान में बिजली विभाग की सतर्कता टीम द्वारा जांच की गई थी। जिसमें सर्विस लाइन को बायपास कर बिजली जलाते पाया गया था। सतर्कता टीम ने बिजली चोरी को लेकर लाखों की रिकव्हरी निकाली थी लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी अब तक बिजली विभाग न तो रिकव्हरी वसूल किया और न ही कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा किसी प्रकार की विभागीय जांच करायी गई है। जबकि अगर किसी सामान्य उपभोक्ता का प्रकरण होता तो अब तक रिकव्हरी राशि बिजली विभाग के खाता में पहुंच चुकी होती।
वर्ष २०२३ की सितम्बर में हुई थी छापामार कार्यवही
टीएचपी (उत्पादन) सिरमौर में पदस्थ सुपर वाईजर रामरूचि पयासी कर्मचारी संख्या ९०२९२२७५ के वार्ड नं. १४ सेमरिया में स्थित मकान में सतर्कता टीम रीवा द्वारा २० सितम्बर २०२३ को छापामार कार्यवाही की गई थी। जिसमें सर्विस लाइन से बायपास कर बिजली जलाते पाया गया था। हालाकि जिस समय सतर्कता टीम द्वारा दबिस दी गई उस समय रामरुचि घर में मौजूद नहीं थे कार्यवाही के दौरान उनकी पत्नी पुष्पा जिनके नाम घर का कनेक्शन है तथा उनका बेटा मौजूद मिला था।
प्रमुख सचिव ऊर्जा भी अभी तक नहीं दिये ध्यान
सेमरिया क्षेत्र के कुछ स्थानियों द्वारा उक्त मामले की शिकायत सिर्फ मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी शक्ती भवन जबलपुर में ही नहीं की गई बल्कि इसकी मामले की गुहार प्रमुख सचिव ऊर्जा तक से लगाई गई लेकिन इसके बावजूद भी न तो जनरेटिंग कम्पनी द्वारा कोई कार्यवाही की गई और न ही अब तक सतर्कता विभाग में रिकव्हरी वसूली के लिए कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाया। इतनी शिकायतों के बाद भी उपभोक्ता के विरूद्ध किसी प्रकार कार्यवाही का न होना यह साबित करता है कि बिजली विभाग कहीं न कहीं अपने कर्मचारी का बचाव कर रहा है और सतर्कता टीम द्वारा जो छापामार कार्यवाही की गई थी वह धोखे में हुई है। कार्यवाही के बाद विभाग को पता लगा कि जिसको बिजली की चोरी करते पकड़ा गया है वह आम उपभोक्ता नहीं बल्कि बिजली विभाग का असरदार कर्मचारी है

पुत्र की उपस्थिती में बना पंचनामा
बिजली की चोरी करते पाये जाने पर सतर्कता टीम एफएस-१२ रीवा द्वारा रामरुचि पयासी के पुत्र गगन पयासी के मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया गया था। जिसमें रिकव्हरी राशि ९२,१४३ रूपये बायपास कनेक्शन पर एवं कृषि कनेक्शन से घरेलू प्रकाश के लिए विद्युत का प्रयोग करना और बिल्डिंग मशीन जैसे उपकरण चलाकर बिजली की चोरी करने के मामले में ६२ हजार २६७ रूपये की रिकव्हरी बनायी गई। इस प्रकार १ लाख ५७ हजार ४१० रूपये कुल रिकव्हरी रामरूचि पयासी की पत्नी पुष्पा पयासी के नाम निकाली गई थी। लेकिन १ वर्ष बीत जाने के बाद न तो उपभोक्ता द्वारा रिकव्हरी जमा की गई और न ही विभाग रिकव्हरी वसूली के लिए कोई सार्थक कदम उठाया।
आम उपभोक्ता की बिक जाती पूरी ग्रहस्थी
अगर यह कार्यवाही किसी आम उपभोक्ता के यहां की गई होती जो रामरूचि पयासी की तरह असरदार व्यक्ति न होता तो अब तक बिजली विभाग उसकी लोटा-टाठी तक बेंचवाकर अपनी रिकव्हरी वसूल कर चुके होते लेकिन कनेक्शन धारी पुष्पा पयासी के पति रामरूचि पयासी टीएचपी सिरमौर में पदस्थ हैं जिसके चलते बिजली विभाग उनके विरूद्ध किसी तरह की कार्यवाही करने में रूचि नहीं दिखा रहा है।
इनका कहना है
व्हीजलेन्स विभाग की टीम के द्वारा भले ही चोरी का प्रकरण बनाया गया हो लेकिन रिकव्हरी करने की जिम्मेदारी ओ.एण्ड.एम. की होती है। बिजली चोरी का प्रकरण पंजीबद्ध हो गया है तो रिकव्हरी होना भी सुनिश्चत है देरी होना अलग बात है।
एसके चढ़ार
मुख्य अभियंता

व्हीजलेंस रीवा संभाग रीवा

इस संबंध में हमें अभी जानकारी नहीं है हम अधीक्षण यंत्री रीवा से बात करेंगे और अगर ऐसा है तो हम तुरंत रिकव्हरी करने के लिए निर्देशित करेगें।
आईके त्रिपाठी
मुख्य अभियंता (ओ.एण्ड.एम)
रीवा संभाग रीवाड्ड

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