Headlines

स्वास्थ्य विभाग का काला सच, पैर में सूजन व चक्कड़ आने से हो रही मौत, मेडिसिन के डॉक्टर ने हार्ट के मरीज का किया उपचार, हुई मौत

मौत के बाद मृतक के परिजनों ने मचाया हंगामा, नर्सिंगहोम प्रबंधन को ठहराया मौत का जिम्मेदार
अस्पताल में बबाल की जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस
शव के पोस्ट मार्टम के बाद मौत के वास्तविक कारण का होगा खुलासा

नगर प्रतिनिधि, रीवा

रीवा में एक बार फिर एक और मरीज चढ़ गया मौत की भेंट जिले में मरीज की मौत के बाद हमेशा की तरह एक बार फिर परिजन हंगामा करते रहे जहां पुलिस पहुंची और अंत में शव को संजय गांधी अस्पताल लाकर छोड़ दिया गया दरअसल यह पूरी घटना रीवा के विहान हॉस्पिटल की है जहां मामूली चक्कर आने के बाद एक व्यक्ति को उपचार के लिए रीवा शहर के निजी अस्पताल लाया गया था आरोप है कि यहां पर 52000 के इंजेक्शन से मरीज के उपचार की शुरुआत हुई और वही इंजेक्शन उसके लिए मौत का कारण बन गया बताया गया कि अस्पताल में मेडिसिन के डॉक्टर हार्ट का इलाज कर रहे थे।
मृतक द्वारिका नगर का रहने वाला है
दरअसल द्वारिका नगर में रहने वाले राम नरेश दुबे को बीती शाम अचानक चक्कर आ गया जिसे उपचार के लिए उनके परिजन विहान अस्पताल लेकर पहुंचे परिजनों के मुताबिक अस्पताल में मरीज को हार्ट का मरीज बताया गया और 52000 का इंजेक्शन लगाने की बात कही गई परिजनों का कहना है कि जैसे ही उन्हें इंजेक्शन लगा तो उसकी हालत और बिगड़ गई इसके बाद रात 10 बजे तक उनका इलाज चलता रहा और रुपयों का मीटर भी बढ़ता रहा और महज चंद घंटों के भीतर 3 लाख के ऊपर का इलाज होने के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया जिसके बाद अब विहान अस्पताल में बवाल की स्थिति निर्मित हो गई
जिले के चाहे सरकारी हो या प्राइवेट इन अस्पतालों में आए दिन हो रही इस तरह की घटनाओं के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी हमेशा की तरह आंख मूंद कर बैठे हुए हैं हर गली कूचे में कुकुरमुत्ते की तरह प्राइवेट अस्पताल के नाम पर लूट हो रही है सरकारी चिकित्सकों का प्राइवेट अस्पतालों से मोह इस तरह बढ़ गया है कि उन्हें किसी बात का खौफ नहीं है।
सरकारी अस्पताल छोड़ निजी क्लीनिक में दे रहे हैं समय
अस्पताल में सेवा देने की बजाय वह अपने निजी अस्पताल में व्यस्त रहते हैं विहान हॉस्पिटल की कुछ ऐसी ही दास्ता है जहां मेडिसिन के चिकित्सक हार्ट का ऑपरेशन करने की बात करते हैं और मरीज से मोटी रकम वसूल लेते हैं और इन्हें मरीज की जिंदगी और मौत से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पूरा शासकीय तंत्र किसी भी विपरीत परिस्थिति में उनके साथ खड़ा दिखाई देता है हाल ही में प्रदेश में एक अस्पताल में हुई बड़ी आगजनी की घटना के बाद प्राइवेट अस्पतालों की जांच भी शुरू हुई जिसमें कई अस्पताल अमान्य पाए गए लेकिन सारी फाइलें ठंडे बस्ते में चली गई फिलहाल यह पहला मामला नहीं है जब किसी प्राइवेट अस्पताल में इस तरह की घटना हुई है लेकिन शासन एवं प्रशासन ऐसे शासकीय चिकित्सकों का प्राइवेट मोह खत्म करने में पूरी तरह असफल नजर आ रहा हैं
हॉस्पिटल जाने से अब डरने लगेंगे मरीज
रीवा में उपचार न मिलने से मरीजों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है उपचार न मिलने से मरीजों की मौत हो रही है सरकारी तंत्र पूरी तरह से फेल होता नजर रहा है रीवा के संजय गांधी अस्पताल कहने को तो विन्ध्य की सबसे बड़ी अस्पताल मानी जाती है मगर वहां मरिज अब उपचार करवाने से भी खौफ खाता है क्योंकि डॉक्टर उन्हें जीते जी मार डालते हैं । आपको बता दें कि विगत कुछ दिनों से लगातार संजय गांधी अस्पताल सुर्खियों में आ रहा हैं जहां सूजन के चलते मरीजों की मौत हो जाती है वजह यह है कि संजय गांधी अस्पताल के सीनियर डॉक्टर अपनी प्राइवेट क्लीनिक और प्राइवेट अस्पतालों में व्यस्त रहते हैं सरकारी अस्पतालों में नहीं देते समय जिसके चलते मरीजों का नहीं हो पाता उपचार पढ़ाई करने वाले जूनियर डॉक्टर करते हैं मरीजों का उपचार।
परिजनों ने मचाया हंगामा
अपने मरीज के मौत की खबर सुनकर परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल में हंगामा करने लगे जिसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को दी गई, मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा चिकित्सक एवं मृतक के परिजनों को समझाइस देकर शव को पोस्टमार्टम हेतु संजय गांधी अस्पताल भिजवाया गया। पूर्व में भी विहान हॉस्पिटल में मरीजों की मौत पर परिजनों द्वारा कई बार लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं बावजूद इसके शहर में संचालित किसी भी नर्सिंग होम के खिलाफ सी एम एच ओ कार्यालय द्वारा कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की जाती जांच के नाम पर लीपा पोती कर नर्सिंग होमों संचालकों से मोटी रकम लेकर मामला हर बार रफा दफा कर दिया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *