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अपने चहेते को फायदा पहुंचाने बाबूओ ने निकाल लिया तरीका एक स्कूल के 11 शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर ?

अतिशेष शिक्षकों को हटाया जाना है स्कूलों से, अपने को बचाने बनवाया मेडिकल सर्टिफिकेट
पूरा खेल शिक्षा विभाग के बाबूओ का, करीबियों को बचाने और सरकारी गाइडलाइन में लाने का ढूंढ लिया तरीका
बीईओ कार्यालय में मनमानी रूप से तैयार की गई सूची, अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग २८ अगस्त को होगी

विशेष संवाददाता, रीवा

सामान्य तौर पर माना जाता है कि किसी दफ्तर में अफसर कोई भी रहे, होता वही है जो वहां का बाबू चाहता है। अफसर तो केवल चिडिय़ा बैठाता है। चाहे वह वल्लभ भवन हो, स्थानीय स्तर का दफ्तर। हर जगह वही स्थिति है। अब लीजिए न अपने चहेते शिक्षकों को बचाने के लिए इन्हीं बाबुओं ने ऐसा गुरु मंत्र स्कूली शिक्षकों को दिया कि सबने अपना खतरनाक बीमारी वाला सर्टिफिकेट प्रशासन के सामने रख दिया। बस गलती यह हुई कि डॉक्टर भी झटके में सबको ब्रेन ट्यूमर का पेटेंट बता दिया।
यह मामला शहर से लगे हुए हायर सेकेंडरी स्कूल बदराव का है, जहां पर अतिशेष शिक्षकों की संख्या कुछ ज्यादा ही है। उल्लेखनीय है कि हर कर्मचारी शहर के बगल में रहना चाहता है और शहर के अन्य फायदे लेना चाहता है। लिहाजा यह माना जाता है कि शहर की स्कूल में अथवा शहर से लगे गांव की स्कूलों में उन्हें शिक्षकों की पदस्थापना हो पाती है जो याकि किसी राजनेता के करीबी है अथवा उन्हें किसी अफसर का संरक्षण प्राप्त है। अब अतिशेष होने के कारण ऐसे शिक्षकों के गले में तलवार लटक रही है। इस मामले में राज्य शासन की एक आदेश से ही उनकी बचत हो सकती है जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि गंभीर रूप से बीमार कर्मचारियों को यथावत रहने दिया जाए। गंभीर बीमारी के नाम पर इन 11 शिक्षकों ने आवेदन देकर कहा है कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है लिहाजा उन्हें यही पदस्थ रखा जाए।
यहां यह उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए अतिशेष शिक्षकों की पोस्टिंग करने के निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में 28 अगस्त को विशेष काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। हालांकि, अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार करने में व्यापक स्तर पर मनमानी के मामले सामने आए हैं। जिससे इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी ( बीईओ ) कार्यालय के बाबुओं द्वारा अतिशेष शिक्षकों की सूची से कुछ शिक्षकों को बचाने के लिए विभिन्न कारण गढ़े गए हैं। नियमानुसार, गंभीर बीमारियों से पीडि़त शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल नहीं किया जाता और उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित नहीं किया जाता, लेकिन रीवा शहर के नजदीक बदरांव हायर सेकंडरी स्कूल के 11 शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर का मरीज बताकर अतिशेष सूची से बाहर रखा हुआ है।
इसके अलावा, कुछ शिक्षकों को किडनी ट्रांसप्लांट और कुछ को अपंगता का आधार बताकर सूची से बचा लिया गया है। इन सभी शिक्षकों के नाम अब एजुकेशन पोर्टल पर दिख रहे हैं। अब केवल वे शिक्षक ही काउंसलिंग में शामिल होंगे जो पोर्टल पर अतिशेष की सूची में दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं, जो शिक्षक उच्च पद का प्रभार ले चुके हैं, उन्हें भी उनके पूर्व के विद्यालय में अतिशेष के रूप में दर्शाया गया है।
सके बाद अतिथि शिक्षकों की पोस्टिंग
बताया गया है कि काउंसलिंग के विधिवत आयोजन के लिए संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को भी विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें कहा गया है कि एजुकेशन पोर्टल पर अतिशेष शिक्षकों की सूची प्रदर्शित कर दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा सुबह 10 बजे से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जहां वर्ग तीन श्रेणी के सभी रिक्त पदों की पुष्टि के बाद सूची को चस्पा किया जाएगा। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी विद्यालय में वर्ग तीन का पद खाली है तो उसी स्कूल के अतिशेष शिक्षक को प्राथमिकता दी जाएगी। अतिशेष शिक्षकों की नियुक्ति के बाद बची हुई खाली सीटों पर अतिथि शिक्षकों की पोस्टिंग की जाएगी। हाल ही में उच्च पदों पर शिक्षकों को प्रभार दिए जाने के बाद से कुछ हद तक स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या का आंशिक समाधान हुआ है, लेकिन इस प्रक्रिया मेंअनियमितता और मनमानी से संबंधित आरोपों ने पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अतिशेष शिक्षक की बनाई गई है दो श्रेणियां
इस मामले में हमारे विभागीय सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है किअतिशेष शिक्षकों को 2 श्रेणी में बांटा गया है। अ श्रेणी में ऐसे शिक्षक शामिल किए गए हैं जो उच्चतर माध्यमिक अथवा इंटरमीडिएट परीक्षा (गणित/विज्ञान/कृषि) विषय से उत्तीर्ण हैं एवं प्रयोगशाला शिक्षक विज्ञान के पद की पात्रता रखते है। ब श्रेणी में अ श्रेणी के शिक्षकों को छोडकऱ शेष शिक्षक शामिल किए गए हैं।
निगरानी होना है भोपाल से , लेकिन क्या कोई देखेगा ?
विभागीय सूत्र बताते हैं कि काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान, भोपाल में अधिकारियों की एक टीम ऑनलाइन जुड़ी रहेगी, जो जिला शिक्षा अधिकारी से समय-समय पर अद्यतन जानकारी प्राप्त करेगी। काउंसलिंग में सबसे पहले गणित, विज्ञान, और कृषि विषय के अहर्ताधारी सहायक शिक्षकों और संबंधित प्राथमिक शिक्षकों को क्रम से शामिल किया जाएगा। जो शिक्षकगण पहले से स्वीकृत अवकाश पर हैं, उनकी काउंसलिंग उनके लिखित अभ्यावेदन के आधार पर की जाएगी। ऐसे मामलों में आवश्यक निर्णय संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी और जिले के लिए चिन्हांकित पर्यवेक्षक संयुक्त रूप से लेंगे, ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।
दफ्तर के आगे पीछे मनमानी की चर्चाएं जोरों पर
जिन शिक्षकों का कोई माई बाप नहीं है, उन्हें निश्चित रूप से परेशान होना पड़ेगा। उदाहरण के लिए शहर के निकट ही अटरिया के स्कूल में पदस्थ शिक्षक संतोष मिश्रा गणित विषय में अकेले हैं। इसके बावजूद कई शिक्षक होने की बात कर उन्हें अतिशेष बताया गया है। बीईओ कार्यालय से हेराफेरी किए जाने की शिकायत भी संबंधित की ओर से की गई। शहर के गवर्नमेंट स्कूल नंबर दो में सामाजिक विज्ञान विषय की शिक्षिका अंजुला शुक्ला को विज्ञान विषय का बताकर अतिशेष कर दिया गया है। हालांकि कई मामलों को लेकर शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं। उधर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और विकासखंड शिक्षा दफ्तर में आज दोपहर से ही ऐसे शिक्षकों की काफी संख्या देखी गई जो जुगाड़ लगाकर अपनी नई पोस्टिंग चाहते हैं। वही आप यह भी लग रहे हैं कि खुलकर सेटिंग का खेल चल रहा है।
नियमानुसार कार्यवाही होगी
इस मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के रूप में काम कर रही आकांक्षा सोनी ने स्पष्ट रूप से कहा है की अतिशेष शिक्षकों की सूची में नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। अगर किसी मामले में कोई गलती हुई होगी तो जांच कराई जाएगी कि किस स्तर पर गलती हुई है।
अपना अभ्यावेदन 27 अगस्त को दोपहर तक जमा कराए, बाद के अभ्यावेदनों पर कोई विचार नहीं होगा : गुप्ता
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने 26 अगस्त को दोपहर बाद एक आदेश परिपत्र जारी किया है जिसमें यह कहा है कि रीवा जिले में अतिशेष शिक्षकों की सूची में शामिल समस्त सहायक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षकों को जिनकी काउंसलिंग 28 अगस्त को होनी है वह अपना अभ्यावेदन 27 अगस्त को दोपहर 12:00 तक अनिवार्य रूप से जमा करवा दें। इस परिपत्र में यह भी अभ्यावेदन तथ्य आत्मक एवं सुसंगत प्रमाणित अभिलेखों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रीवा को प्रस्तुत करें। ताकि इन अभ्यावेदनों का नियमानुसार निराकरण किया जा सके। समय सीमा के बाद प्राप्त अभ्यावेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। अब ऐसे शिक्षकों के पास कल सुबह तक का ही समय बचा है।

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