शिवेंद्र तिवारी

जबलपुर। रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन ने समय के साथ न सिर्फ अपनी रफ्तार धीमी की बल्कि इसमें मिलने वाली सुविधाओं से भी यात्रियों को निराश किया। रानीकमलापति से जबलपुर होकर रीवा के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेन की औसत रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे के ऊपर नहीं आ सकी, जबकि इस ट्रेन को 130 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने योग्य बनाया हुआ है। जबकि जबलपुर रेल मंडल के खराब रेल ट्रैक, बिगड़ते सिग्नल, पटरियों में भरता पानी ने इसकी रफ्तार पर नियंत्रण लगा दिया।
ज्यादा कमीशन कमाने के चक्कर में यात्रियों को सड़ा खाना
सुविधाओं की बात करें तो इस ट्रेन में यात्रियों को खाना परोसने वाली निजी ठेकेदारों ने ज्यादा कमीशन कमाने के चक्कर में यात्रियों को सड़ा-गला और बासी खाना परोस दिया। रानी कमलापति से जबलपुर होकर रीवा जाने वाली वंदेभारत ट्रेन हो या फिर रीवा से जबलपुर होकर रानी कमलापति जाने वाली वंदेभारत ट्रेन, दोनों को ही यात्री नहीं मिल रहे। जहां इस रूट पर चलने वाली नियमित और साधारण ट्रेनों में टिकट बुक 140 से 150 प्रतिशत है तो वहीं वंदेभारत में यह 100 प्रतिशत से नीचे हैं। कई बार ट्रेन में 50 से 60 फीसदी तक सीट खाली रह रही हैं।
दावे कई, पर ट्रैक 110 किमी से आगे नहीं बढ़ा
सेमी हाइस्पीड का दर्जा पाने वाली वंदेभारत ट्रेन को जबलपुर रेल मंडल न तो रफ्तार दे पा रहा है और न ही सुविधा।
ट्रेन में लगे आधुनिक कोचों को 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलाने लायक बनाया है, लेकिन मंडल की सीमा से गुजरने वाली रेलवे ट्रैक की स्पीड इतनी नहीं हैं।
सिग्नल, ट्रैक, प्वाइंट को अपग्रेड करना तो दूर, रेल विभाग का पूरा अमला इन्हें सुधारने में ही लगा रहता है।
हाल यह है कि इटारसी-जबलपुर-कटनी-सतना से गुजरने वाली ट्रैक वर्षा के दिनों में पानी से भर जाता है, जिस पर 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से भी ट्रेन नहीं चला पा रही है।
यही वजह है कि अभी भी मंडल में ट्रेनों की औसत स्पीड ही 70 से 80 किमी प्रतिघंटे से आगे नहीं बढ़ सकी है, 100 किमी प्रतिघंटे तक पहुंचना अभी कोसों दूर हैं।
खाने की शिकायतें ज्यादा
ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों द्वारा ट्रेन 20173-74 में सबसे ज्यादा शिकायत खाना और व्यवहार को लेकर आती है। इस ट्रेन में खाना परोसने की जिम्मेदारी आइआरसीटीसी को दी गई है। उन्होंने इसे निजी हाथों में सौंप दिया है। कुछ समय पहले ही निजी कंपनी के वेंडर ने यात्रियों को बासी खाना परोस दिया । इस दौरान यात्री को जो केक दिया, उसमें भी फफूंद थी।
जून और जुलाई माह का हाल
वंदेभारत ट्रेन 20174-73 में जून और जुलाई माह के दौरान ट्रेन के सीसी कोच की कुल सीटों में औसतन 90 प्रतिशत बुक हुईं यानि 10 औसतन सीटें खाली रहीं।
वहीं ईसी कोच में कुल 70 फीसद सीट ही भरी यानि औसतन 30 फीसदी सीटें खाली रहीं।
वहीं इस ट्रेन को जब शुरू किया गया तो एक माह तक सीट बुकिंग का प्रतिशत 110 से 130 प्रतिशत था।
यानी 100 सीटों पर 130 यात्री बुकिंग कराते थे। इसमें 100 को कंफर्म टिकट मिलती थी ओर 30 यात्री को वेटिंग टिकट दी जाती थी।