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25 साल की नौकरी के बाद अब होगी कार्रवाई शिक्षा कर्मी भर्ती घोटाला का धुंआ फिर उठा

न्यायालय की लोक सेवकों पर की गई टिप्पणी के बाद कार्यवाही के लिए गठित हुई समिति
लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा शिक्षा कर्मियों के गले में लटकी तलवार

विशेष संवाददाता, रीवा

25 साल पहले हुए शिक्षाकर्मी घोटाले कि आग अभी भी ठंडी नहीं हुई है। इस मामले में लगातार कोई न कोई जांच अभियान चलता ही रहता है। ताजा मामला जवाब जनपद क्षेत्र का है जहां पर हाल फिलहाल फैसला हुआ है और नियुक्ति से संबंधित कई लोगों के खिलाफ कार्यवाही के साथ उन लोग सेवकों पर भी कार्यवाही की तलवार लटकने लगी है जिनके विरुद्ध यह आरोप है कि उनकी नियुक्ति गलत तरीके से की गई थी।
इस संबंध में जिला पंचायत रीवा द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें बताया गया है की विशेष न्यायाधीश न्यायालय रीवा द्वारा जनपद पंचायत जवा का निर्णय 14 जून 2024 को पारित किया गया था। उक्त निर्णय में नियुक्ति करता अधिकारी एवं समिति के सदस्यों के विरुद्ध दंड के आदेश जारी किए गए हैं। उक्त निर्णय में भी कई लोक सेवकों के विरुद्ध टिप्पणी अंकित की गई है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उक्त निर्णय में अंकित लोक सेवकों एवं अन्य की नियुक्ति प्राथमिक शिक्षक के पद पर किए जाने हेतु पात्र एवं अपात्र लोक सेवकों को चिन्हित किए जाने हेतु समिति का गठन किया गया है ।
यह समिति एक सप्ताह के अंदर प्रकरण का भली भांति परीक्षण कर पात्र एवं अपात्र लोक सेवकों के संबंध में तथ्यात्मक प्रतिवेदन स्पष्ट अभिमत सहित प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेगी।
इस मामले में हमारे सूत्रों ने बताया है कि अकेले जनपद जवा में लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा ऐसी नियुक्तियां हो गई थी जिन पर माननीय न्यायालय ने भी विपरीत टिप्पणी अंकित की है। अब इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि 25 साल की नौकरी पूरी करने के बाद ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही होगी। इसमें से तो कई ऐसे भी शिक्षा कर्मी है जो अब नियमित रूप से पदस्थ है तथा रिटायरमेंट की कगार पर पहुंच चुके हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि रीवा जिला अंतर्गत वर्ष 1998 में शिक्षाकर्मी भर्ती में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था और मामला लोकायुक्त के संज्ञान में आया था। इसके बाद लोकायुक्त द्वारा छापा डालकर भारती से संबंधित समस्त अभिलेख अपने संरक्षण में ले लिए गए थे। लोकायुक्त द्वारा विशेष न्यायालय रीवा में चालान प्रस्तुत किया गया था। इसमें जिला पंचायत रीवा जनपद पंचायत रीवा सिरमौर मऊगंज एवं गंगेव के प्रकरणों में विशेष न्यायाधीश द्वारा अंतिम आदेश पारित किया जा चुके हैं उक्त निर्णय में विशेष न्यायालय रीवा द्वारा जिन लोक सेवकों के विरुद्ध टिप्पणी अंकित की गई थी उनकी प्राथमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया वर्तमान समय तक नहीं की गई है। जिनके विरुद्ध कोई टिप्पणी अंकित नहीं की गई थी उनकी प्राथमिक शिक्षक की नियुक्ति कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। अब मामला जवा का फस गया है जहां पात्र एवं अपात्र को चिन्हित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
इन्हें किया गया है नियुक्त
इस मामले में जांच के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा उपसंचालक प्रतिनिधि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग के केपी तिवारी, डाइट के प्राचार्य गंगा प्रसाद उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के विधि प्रभारी डॉ रामकृष्ण तिवारी की तीन सदस्य वाली कमेटी गठित की गई है। यह समिति एक सप्ताह के अंदर प्रकरण का परीक्षण करेगी एवं पात्र एवं अपात्र लोक सेवकों के संबंध में अपना साक्षात्मक प्रतिवेदन स्पष्ट अभिमत सहित प्रस्तुत करेगी।

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