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जनपद पंचायत नईगढ़ी का हाल है बेहाल, चौतरफा समस्याएं अव्यवस्थाओ के भंवर में जनपद नईगढी : नृपेंद्र

विंध्यभारत, रीवा

जनपद कार्यालय के हाल बेहाल हैं। कई जगह से यह शिकायतें समय-समय पर आती रहती है कि पंचायती राज से जुड़े जनप्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण के लिए भटकते रहते हैं लेकिन यहां भी अंदर भी राजनीति खाए जा रही है। जो सीईओ और जनपद अध्यक्ष से जुड़ा हुआ है उनके तो काम बराबर होते हैं लेकिन थोड़ा सा भी जिसने विरोध किया उनके कामों पर अड़ंगा लगा दिया जाता है।
ऐसी ही समस्याओं से व्यथित जनपद पंचायत नईगढ़ी के पूर्व उपाध्यक्ष एवम जनपद सदस्य नृपेंद्र सिंह पिन्टू ने जनपद की कार्यप्रणाली पर सबाल उठाते हुए कहा है कि दो बर्ष बीत गए हैं, लेकिन जनपद में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। पिछले दो बर्ष में कई सीईओ बदले गए, वर्तमान सीईओ कार्यालय से गायब रहती हैं। आमजन यहां तक की जनपद सदस्य, सरपंच, सचिव भी सीईओ से नही मिल पाते हैं फोन भी रिसीव नही होता है।
इस दौरान पूर्व जनपद उपाध्यक्ष नृपेंद्र सिंह पिंटू ने कहा है कि हितग्राही मूलक कोई भी कार्य दो बर्ष से नही हो रहें हैं जनपद बीरान सा हो गया है अब तो लोग जनपद कार्यालय आना बंद कर दिए है। जनपद अध्यक्ष की कार्यप्रणाली के कारण यह सब हो रहा है। सभी जनपद से दूरी बना रहें है कर्मचारी इतने दहशत और दवाब मे है की कोई काम ही नही करना चाहते। जनपद अध्यक्ष जनपद की मुखिया हैं लेकिन इनके द्वारा स्वयं ग्राम पंचायतो की शिकायत,कर्मचारियों की शिकायत की जाती है। सरपंचो और कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता है। पिछले कार्यकाल के जांच की मांग करती हैं। सामान्य प्रशासन की बैठक में अध्यक्ष स्वयं प्रस्ताव करती हैं कि जनपद के पिछले कार्यकालों की जांच ईओ डब्ल्यू,लोकायुक्त से कराई जाए। नृपेंद्र सिंह ने कहा है कि ऐसा अध्यक्ष पहली बार देखा है जो खुद अपने जनपद के कार्यो की जांच हेतु विभिन्न जगह शिकायत करते घूमती रहती हैं। 15 वें वित्त की राशि का वितरण सामान्य सभा की बैठक मे किया जाना चाहिए उसे अध्यक्ष सामान्य प्रशासन की बैठक में पारित कर कार्ययोजना बनाते हैं जिससे सभी सदस्यों को विकास हेतु राशि नही मिल पाती है। खुद अध्यक्ष पति कर्मचारियों के पास बैठ कर कार्ययोजना बनवाते हैं बैठक में प्रस्ताव कुछ और पारित होता है कार्ययोजना कुछ और बनती है।
जनपद सीईओ के संरक्षण में नियम कानून का माखौल उडाया जा रहा है। और तो और अब तो जनपद का मुख्य द्वार ही नियमित रूप से बंद करा दिया गया है, कारण कुछ और बताया जाता है लेकिन आमजन और जनप्रतिनिधि जनपद कार्यालय सरलता से न पंहुचे इसलिए ऐसा किया गया है।

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