अवैध रूप से संचालित सोनोग्राफी सेंटर में प्रशासन एवं पुलिस ने किया स्टिंग ऑपरेशन
पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट के तहत की गई कार्यवाही, कई महीनो से चल रहा था सेंटर
विशेष संवाददाता, रीवा
भ्रूण परीक्षण के मामले में कठोर कानून बनाए जाने के बावजूद रीवा में एक ऐसा सोनोग्राफी सेंटर पकड़ा गया है जो बेहिचक भ्रूण परीक्षण कर रहा था। इस मामले में स्वास्थ्य महकमा भी अब संदेह के दायरे में आ चुका है। इस मामले में एसडीएम वैशाली जैन आईएएस के नेतृत्व में पहले स्टिंग ऑपरेशन कराया गया था इसके बाद प्रशासन और पुलिस ने मिलकर एक साथ कार्यवाही की है। इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की भी खबर है। हालांकि पूरे मामले में इन लोगों से पूछताछ की जा रही है। पकड़े गए लोगों में मकान मालिक भी शामिल है।
बताया गया है कि शहर के सिरमौर चौराहा के समीप अंगूरी बिल्डिंग के पीछे किराये के मकान में अवैध रूप से यह सोनोग्राफी सेंटर संचालित हो रहा था जहां पर प्रशासन एवं पुलिस की टीम ने पहले स्टिंग आपरेशन कराया, उसके बाद कार्यवाही की। सोनोग्राफी सेंटर में लिंग परीक्षण के साथ-साथ गर्भपात व भू्रण हत्या के संबंध में मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर प्रशासन एवं पुलिस की टीम द्वारा पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है।
उल्लेखनीय है कि अवैध रूप से संचालित सोनोग्राफी सेंटर में गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग परीक्षण किए जाने, गर्भपात कराने तथा भ्रूण हत्या किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई थी। कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल के निर्देश पर प्रशासन एवं पुलिस के संयुक्त दल ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सोनोग्राफी सेंटर में दबिश दी तथा उक्त कार्य में संलिप्त लोगों को रंगेहाथों पकड़ा गया। एसडीएम हुजूर वैशाली जैन ने बताया कि अवैध कार्य में संलिप्त व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उनसे पूछताछ की जा रही है। एक्ट की धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि सोनोग्राफी सेंटर की मशीन को भी सीज कर दिया गया है।
तीस हजार लेकर किया जाता था भ्रूण परीक्षण
इस मामले में प्राप्त जानकारी की अनुसार उक्त सोनोग्राफी सेंटर में केवल भ्रूण परीक्षण के नाम पर 30 हजार का पहला सौदा किया जाता था फिर उसके बाद भ्रूण परीक्षण किया जाता था। यहां पर अबॉर्शन किए जाने की भी जानकारियां भी प्रशासन को मिली थी। सूत्रों ने बताया है कि पहले जिला प्रशासन ने पूरे मामले का स्टिंग ऑपरेशन कराया था और पुख्ता सबूत होने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
क्या देख रहा था स्वास्थ्य विभाग..
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी संदेह के दायरे में आ गया है क्योंकि पूरे शहर में इस बात की चर्चा थी कि यहां पर भ्रूण परीक्षण की गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है लेकिन विभाग ने उसे गंभीरता से नहीं लिया था। खास बात यह है कि शहर में सोनोग्राफी सेंटर और पैथोलॉजी सेंटर की जांच का जिम्मा विभाग का रहता है, लेकिन विभाग के लोग यहां कभी जांच करने ही नहीं आए। उधर जब एसडीएम को यह खबर मिली तो उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन करा कर कार्यवाही कर दी है।
स्टिंग ऑपरेशन के लिए महिला पुलिसकर्मी को प्रशासन ने बनाया था ग्राहक
ग्राहक बनकर पहुंची महिला पुलिस कर्मियों ने पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस और एसडीएम समेत अन्य आधिकारी मौके पर पहुंच गए और छापामार कार्रवाई की। पुलिस की टीम ने 5 आरोपियों को रंगे हाथों दाबोच लिया। गिरफ्तार आरोपियों ने मकान मालकिन भी शामिल है। टीम ने मौके से सोनोग्राफी मशीन जब्त की और आगे की कार्रवाई में जुट गई। बताया जा रहा है कि रीवा शहर में संचालित कई निजी नर्सिंग होम की शह पर अवैध सोनोग्राफी सेंटर संचालित किया जा रहा था। जो अपने कस्टमरों को भ्रूण परीक्षण के लिए सेंटर पर भेजते थे।