शिवेंद्र तिवारी

ग्वालियर। देश का नया कानून रविवार रात 12 बजे के बाद लागू हो गया। नए कानून की कई विशेषताएं हैं। सबसे खास बात है- अब हर तरह के अपराध से अर्जित संपत्ति पर कानून का शिकंजा कसा जा सकेगा। इसमें थाने से नोटिस पर छूटने वाले सट्टेबाज, बड़े जुए के अड्डे चलाने वाले भी नहीं बच सकेंगे। यह दो अपराध ऐसे हैं, जिनमें पुलिस को थाने से ही आरोपितों को छोड़ना पड़ता है, जिसके चलते बार-बार पकड़े जाने के बाद भी सट्टे और जुए के काले कारोबार से जुड़े लोग बेखौफ रहते हैं। लेकिन अब इनकी संपत्ति भी पुलिस कुर्क करा सकेगी, बस पुलिस को यह साबित करना होगा, इनकी जो संपत्ति है- वह सट्टे और जुए के काले कारोबार से अर्जित की गई है।
अब हर तरह के अपराध से अर्जित संपत्ति पर शिकंजा
पहले सिर्फ यहां तक सीमित था कानून: भारतीय न्याय संहिता में धारा 107 बढ़ाई गई है। इस धारा को परिभाषित करते हुए भारतीय न्याय संहिता में लिखा गया है- हर तरह के अपराध से अर्जित संपत्ति को पुलिस राजसात करा सकेगी। इसमें अपराध कोई भी हो सकता है, पुलिस को यह साबित करना होगा। अपराधी ने संपत्ति अपराध के जरिये अर्जित की है। भारतीय दंड संहिता में ऐसा नहीं था। पहले एनडीपीएस एक्ट, डकैती अधिनियम जैसे अपराधों में ही संपत्ति राजसात करने का प्रावधान था। फरार अपराधियों को हाजिर कराने के लिए भी पुलिस द्वारा धारा 83 के तहत उद्घोषणा की जाती थी, इसमें हाजिर न होने की स्थिति में संपत्ति राजसात करने का निर्णय लिया जाता था। इसके बाद संपत्ति राजसात करने की प्रक्रिया लंबी थी।
यह होगी प्रक्रिया
अगर पुलिस को लगता है- किसी अपराधी ने संपत्ति अपराध के जरिये अर्जित की है। पुलिस इसके सबूत इकट्ठे कर सकती है। इसके बाद जिले के पुलिस अधीक्षक या जिन शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है, वहां पुलिस आयुक्त के अनुमोदन के बाद विवेचक द्वारा संपत्ति राजसात करने के लिए न्यायालय में आवेदन किया जाएगा। न्यायालय अपराधी को अपना पक्ष रखने के लिए 14 दिन का समय देगा। इसके बाद अगर वह तर्कपूर्ण पक्ष नहीं रख पाता तो संपत्ति राजसात होगी। कोर्ट द्वारा इसका आदेश जारी किया जाएगा। पुलिस के प्रतिवेदन के बाद भी संपत्ति राजसात करने का निर्णय कोर्ट द्वारा ही किया जाएगा।
क्रिकेट पर आनलाइन सट्टा गली-गली में फैलाने वाले सट्टेबाज कानून का मजाक बनाते थे, अब संपत्ति कुर्क कर सकेगी पुलिस
शहर के कई ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने क्रिकेट पर आनलाइन सट्टे का काला कारोबार शहर की गली-गली में फैला दिया। युवाओं को बर्बाद कर दिया। कई लोगों ने आत्महत्या तक कर ली। लेकिन यह सट्टेबाज कानून का मजाक बनाते रहे, क्योंकि पुलिस इन पर एफआइआर दर्ज करती और मजबूरी में इन्हें थाने से ही छोड़ना पड़ता था। इसमें सभी चेहरे ऐसे हैं, जो कभी दो पहिया गाड़ियों पर घूमते थे अब करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं और लक्जरी गाड़ियों में घूमते हैं। गोवा, मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव, बेंगलुरु और दुबई के महंगे होटल, रिजोर्ट में बैठकर सट्टे का नेटवर्क चलाते हैं। पुलिस पर भी बहाना था- कानून का, इसकी आड़ में सांठगाठ की गुंजाइश भी खूब होती थी, लेकिन अब इसका तोड़ नए कानून ने निकाला है। अब छोटे से छोटे और बड़े से बड़े अपराध में संपत्ति राजसात करने का प्रविधान है, बशर्ते संपत्ति अपराध से ही अर्जित की गई हो।