विवेकानंद पार्क से कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली , सौंपा ज्ञापन
केजी फस्र्ट एवं सेकंड की शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों में ही दिलाने की मांग
विशेष संवाददाता, रीवा
अपनी मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन (सीटू) एक बार फिर लामबंद हो चुके हैं। इनका कहना है कि सरकार सुनती नहीं है, उनकी किसी भी मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं करती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से केवल काम लिया जाता है उसे स्तर का मानदेय भी नहीं दिया जाता।
अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर विवेकानन्द पार्क से एक रैली के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर रीवा को प्रदेश के मुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ ही आयुक्त महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल के नाम सम्बोधित ज्ञापन सौपा। रैली का नेतृत्व सीटू महासचिव सौरभ मिश्रा, सहायक महासचिव, विनय शंकर मुफलिश, फूलवसी नामदेव, महासचिव रामवती सिंह, सुनीता मिश्रा, मालती रावत, श्वेता सिंह, कमला तिवारी, कुसुम तिवारी, पूजा तिवारी, ममता, रजिया खांन, शकुन्तला, ममता मिश्रा, मिथलेश ने किया।
इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन (सीटू) ने मांग की है कि नेटवर्क की परेशानी के चलते संपर्क एप तत्काल बंद किया जाए। सरकारी स्कूलों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों के प्रवेश में रोक लगाते हुए आंगनवाड़ी केन्द्रों में ही के.जी.-1 एवं के.जी.2 के बच्चों को शिक्षा दिये जाने की व्यवस्था की जाए। सहायिका से कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति में उम्र का प्रावधान समाप्त किया जाय एवं पूर्व के आदेशों की तरह पदोन्नति की जाय। अन्य राज्यों की भांति मध्य प्रदेश में भी मिनी कार्यकर्ता को फुल कार्यकर्ता बनाया जाय, ग्रेच्युटी का लाभ सेवानिवृत्त हुए सभी आंगनवाड़ी कर्मियों को दिया जाए। आंगनवाड़ी कर्मियों को अप्रेल 2024 से लागू मानदेय वृद्धि का तत्काल एरियर सहित भुगतान कराया जाय। इसी प्रकार आंगनवाड़ी कर्मियों को किसी भी मीटिंग व ट्रेनिंग में जाने आने के लिए टी.ए.डी.ए.दिया जाय। उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार आंगनवाड़ी कर्मियों से अन्य विभागों का कार्य न लिया जाए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए उम्र का प्रावधान खत्म किया जाय तथा सभी को परीक्षा देने की अनुमति दी जाए। रैली में काफ़ी संख्या में आंगनवाड़ी वहनों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।