बने हुए हैं पक्के मकान
नगरपरिषद त्योथर बना मूकदर्शक
अतिक्रमण के चलते लगता है जाम
कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना
त्योथर रीवा जिले की नगर परिषद त्योथर सदैव सुर्खियों में बनी रहती है जो मामला प्रकाश में आया है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार नगरपरिषद त्योथर बस स्टैण्ड से जो त्योथर मेन बाजार से मीर बहरी घाट टमस को जाता है कभी इस नदी घाट से चिल्ला त्योंथर नदी से इस पार से उस पर जाने के लिए बड़े वाहन बड़ी आसानी से आया जाया करते थे चौड़ा मार्ग हुआ करता रहा है लेकिन वर्तमान समय में बस स्टैण्ड त्योथर से नदी घाट तक अवैधानिक रूप से भवनों के निर्माण हो जाने के कारण मार्ग भी संकीर्ण हो गया है और बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन को कुछ अराजक तत्वों के द्वारा जमीनों को हड़प कर औने पौने दामों में बेच दिया गया जहां पर वर्तमान समय में लोगो ने सरकारी जमीनों पर अवैधानिक रूप से भवनों का निर्माण भी करा लिया गया जिसे मार्केट का मेन बस स्टैण्ड भी कहां जाता है नदी घाट रोड पर भी मौके पर टैम्पो खड़े टैम्पो रहते हैं जहां पर कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है सब से बड़ी बात तो यह है कि नगर परिषद त्योथर की सरकारी जमीनो पर बस स्टैंड से लेकर नदी घाट तक अनाधिकृत रूप से लोगों ने अतिक्रमण करके पक्का भवन का निर्माण करा लिए जहां पर बगल से ही कोल राजाओं की गढ़ी को संवारने का कार्य मध्यप्रदेश शासन द्वारा कराया जा रहा है और काफी दिनों से मीर बहरी टमस नदी घाट पर आने जाने के लिए पुल की मांग भी होती रही है जिसे शासन की ओर से मांग को मान भी लिया गया है और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा किन्तु कोलगढी एवं उसके आसपास की जमीन जो अतिक्रमण युक्त है भूमाफिया के द्वारा जबरन कब्जा कर अवैध निर्माण कार्य करा लिया गया है उस ओर अधिकारियों का ध्यान क्यों नहीं जा पा रहा है जो एक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है और दुकानों को किराये में देकर अतिक्रमण कर्ताओ द्वारा मनमाने तरीके से किराया भी बसूल किया जा रहा है राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारियों एवं नगर परिषद त्योथर के राजस्व निरीक्षक का ध्यान आखिरकार इस ओर अब तक क्यो नही गया नगरपरिषद की जमीन को अतिक्रमण कर्ताओ द्वारा कब्जा किया जा रहा है जब से नगर परिषद त्योथर का गठन हुआ है तबसे लेकर आज तक नगरपरिषद को अपनी ही जमीनो का कोई रिकॉर्ड नहीं है जो एक बड़ा दिलचस्प मामला प्रकाश में आया है ज़मीन अतिक्रमण कर्ताओ को आखिरकार अब तक कोई नोटिस भी नहीं जारी किया गया ऐसे अनाधिकृत रूप से बनें मकानों के ऊपर शासन का बुलडोजर कब चलेगा कही नगरपरिषद की मिली भगत तो नहीं है जो एक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही न होना कही न कही संलिप्तता झलकती दिखाई पड रही है अतिक्रमण युक्त ज़मीन खाली भी होगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है जांच होगी भी या नहीं यह तो वक्त ही तय करेगा जिसका खुलासा तो जांचोंपरान्त ही सम्भव है नगर परिषद के वार्ड क्रमांक एक से लेकर 15 वार्डों में परिषद की भूमि अतिक्रमण युक्त है भूमाफिया जमीनों को कब्जा कर रहे हैं और उन पर आलीशान भवन का निर्माण करा कर किराया में बडे पैमाने पर उठाया गया है कभी नगर में बस निकल कर आया जाया करती थी किन्तु आज वर्तमान समय में पूरी मार्केट अतिक्रमण के चपेट में हैं जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना भी घटित हो सकती है तहसील स्तरीय अधिकारियों से लेकर जिले के आलाधिकारियों का आना जाना भी लगा रहता हें किन्तु अतिक्रमण की तरफ किसी का ध्यान अब तक क्यों नहीं गया सफेद पोस तो वोट की राजनीति के चक्कर में खुलकर सामने नहीं आ पाते कि कहीं उनका वोट न खिसक जाए किन्तु जिम्मेदार अधिकारियों को कौन सा वोट चाहिए क्यों कोई कार्यवाही नहीं करते कहीं रिटायरमेन्ट के बाद चुनाव लडने का मंसूबा न पाल रखे हो इसलिए कार्यवाही से बचते नजर आ रहे हो वहरहाल या तो भविष्य में क्या होगा यह तो देखनें वाली बात होगी अवैध अतिक्रमण युक्त जमीन से बने भवन डमीडोज होंगे भी या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है
आपकी खबर हमारी नजर हमारे संवाददाता कमलेश शुक्ला की स्पेशल रिपोर्ट
शिवेंद्र तिवारी 9179259806