Headlines

पृथ्वीराज कपूर को धमकी दी गई कि अगर तुम यहां आए तो हम काले झंडों से तुम्हारा स्वागत करेंगे। तुम हमारे यहां हिंदी भाषा थोपने का प्रयास करने आए हो। हम तुम्हें स्वीकार नहीं करेंगे। ये उन दिनों की बात है जब पृथ्वीराज कपूर ने थिएटर के सिलसिले में पूरे सोलह साल(1944 से लेकर 1960 तक) देश भ्रमण किया था। उस दौरान कश्मीर से कन्या कुमारी तक और सुदूर उत्तर पूर्व तक पृथ्वीराज कपूर ने अपने नाट्य ग्रुप के साथ यात्राएं की और रंगमंच का आयोजन किया। यूं तो दक्षिण में भी इनका खूब स्वागत हुआ था। लेकिन राजनीति से प्रभावित कुछ लोगों ने इनके विरोध करने की धमकी वाले पत्र इन्हें भेजे। फिर त्रिचरापल्ली और मदुरई में हुई अपनी जनसभाओं में पृथ्वीराज कपूर ने कहा भी कि चलिए, स्वागत ही तो करेंगे। अब आपकी मर्ज़ी वो जिस रंग का झंडा उठा लें।

आज पृथ्वीराज कपूर जी की पुण्यतिथि है। 29 मई 1972 को पृथ्वीराज कपूर जी का निधन हुआ था। चलिए आज पृथ्वीराज कपूर जी से जुड़ा बड़ा ही रोचक किस्सा आपको बताता हूं।

डायरेक्टर किदार शर्मा ने साल 1960 में एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम था चेतक। वो फिल्म महाराणा प्रताप के प्रतापी घोड़े चेतक पर केंद्रित थी। पृथ्वीराज कपूर ने उस फिल्म में महाराणा प्रताप का किरदार निभाया था। फिल्म का वो दृश्य जिसमें चेतक की मृत्यु होनी थी उसे शूट करने की तैयारी चल रही थी। पृथ्वीराज कपूर किदार शर्मा के पास आए और बोले कि घोड़े की मौत वाले दृश्य में मुझे क्या डायलॉग्स बोलने होंगे? किदार शर्मा बोले,”घोड़ा कौन सी ज़ुबान समझता है? ना तो उसे हिंदी समझ आती है और ना ही उर्दू। कोई और भाषा भी घोड़ा नहीं समझता। घोड़ा तो सिर्फ प्यार की भाषा समझता है। घोड़ा मर रहा है तो तुम अपना गाल उसके गाल पर रखकर उसे प्यार जताओ।”

किदार शर्मा जी की ये बात पृथ्वीराज कपूर को बड़ी अजीब लगी। वो बोले,”मुझे एक ज्योतिष ने बताया था कि मेरी मौत घोड़े के काटने से होगी। इसलिए मैं तो घोड़े के चेहरे के पास अपना चेहरा नहीं ले जाऊगा।” ये सुनक किदार शर्मा बोले,”मैं सबके सामने ये वादा करता हूं कि अगर तुम्हारी मौत इस घोड़े की वजह से हुई तो मैं भी तुम्हारी चिता पर जल मरूंगा। मैं तुम्हारे साथ सती हो जाऊंगा।” किदार शर्मा ने इतनी बड़ी बात कह दी तो पृथ्वीराज कपूर को वो सीन वैसे ही शूट करना पड़ा जैसे किदार शर्मा चाहते थे। अब कहानी आती है साल 1972 में। पृथ्वीराज कपूर को गले का कैंसर हो गया था। वो हॉस्पिटल में आखिरी सांसे गिन रहे थे। किदार शर्मा उनसे मिलने हॉस्पिटल पहुंचे।

डॉक्टर ने किदार शर्मा से कहा कि सर, ये कुछ बोल नहीं पाएंगे। अगर बोलेंगे भी तो वो समझने के लिए आपको अपना कान इनके मुंह के पास ले जाना होगा। फिर किदार शर्मा जैसे ही पृथ्वीराज कपूर के कमरे में घुसे उन्होंने ज़ोर से पृथ्वीराज जी से कहा,”क्या हाल हैं भाई साहब?” पृथ्वीराज कपूर ने बड़ी मुश्किल से जवाब दिया,”जानवर भाषाओं को नहीं समझते। आप अपना गाल उसके गाल पर रख दीजिए।” किदार शर्मा समझ गए कि पृथ्वीराज कपूर उनसे कुछ कहना चाहते हैं। वो अपना कान उनके मुंह के पास ले गए। लेकिन तभी डॉक्टर्स ने किदार शर्मा से कहा कि इनकी हालत बिगड़ रही है। आप कमरे से बाहर निकल जाईए। आंखों में आंसू लिए किदार शर्मा पृथ्वीराज कपूर के कमरे से बाहर निकलकर दस कदम आगे ही आए थे कि शम्मी कपूर भागते हुए उनके पास आए और रोते हुए बोले,”पापा जी चले गए किदार अंकल। आपने उन्हें आखिरी पल में खुश कर दिया।” #PrithvirajKapoor #kidarsharma

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *