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मनगवां में गोली मारकर 50 हजार की लूट

आरोपियों की नहीं हो सकी पहचान ; पुलिस मामले की जांच में जुटी

विशेष संवाददाता, रीवा

जिले में इन दोनों अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। लूटपाट और गोली चालन की घटनाएं सामान्य सी होती जा रही है। रीवा शहरी इलाके में इस तरह की घटनाएं हो ही रही थी कि इसी बीच रविवार को मनगवां थाना के बेलवा हाईवे में तीन नकाबपोश बदमाशों ने गोली चलाकर 50 हजार की लूट की। मंगवा क्षेत्र की इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
घटना के संबंध में बताया गया है कि रविवार की सुबह नरेंद्र विश्वकर्मा नाम का युवक उमरी गांव से मनगंवा ट्रैक्टर में फर्नीचर बनाने की लकड़ी बेचने आया था। लकड़ी बेचकर बाइक से घर वापस जा रहा था। इसी बीच रास्ते में तीन अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने युवक को गोली मारकर जेब में रखे 50 हजार रुपए लूट लिए। बंदूक से निकली गोली युवक के सीने के बगल में जा लगी। जैसे ही गोली की आवाज सुनाई दी। लोगों ने अस्पताल पहुंचाकर युवक की जान बचाई। गंभीर हालत में घायल रिंकू विश्वकर्मा को संजय गांधी अस्पताल इलाज के लिए लाया गया है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह की घटना महीने भर पहले बेलवा पेट्रोल पंप के पास भी हुई थी। जो घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर है। सभी आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए। पुलिस जिनकी तलाश में जुट गई है।
अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ा
पिछले दो महीने के दौरान रीवा जिले में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। संभागीय मुख्यालय रीवा में आए दिन गोली चालन की घटनाएं हो रही है और अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस को मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यह क्रम लगभग पूरे जिले में बांटा जा रहा है यानी कि जिले में अपराधियों का बोलबाला बनता सा दिखाई दे रहा है। हालांकि पुलिस हर मामले में यह दावे कर रही है कि वह अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही कर रही है लेकिन जिस तरह घटनाएं घट रही हैं उससे कई इलाकों में दहशत का माहौल बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि मनगंवा थाना क्षेत्र में अपराधों के ग्राफ का शेयर उछाल में है। यहां कि कानून व्यवस्था हिल गई है। महज कुछ महीने के अंदर बैंक से पैसा निकालकर आने वाले लोगों के साथ -साथ पेट्रोल टंकी में तेल डलवाकर सेल्समैन को गोली मारने, लूट जैसे घटनाओं के साथ-साथ चोरी की भी घटनाएं थोप स्तर पर हुई हैं। यहां के लोग इन दिनों दहशत और डर के बीच जिंदगी गुजार रहे हैं। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी सख्ती बरतने बजाय चुप्पी साधे बैठे हैं और आम जनता परेशान है।

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