“गोलियों में लिखी गई आख़िरी इबारत — द चंदन मिश्रा स्टोरी”
शिवेंद्र तिवारी बक्सर की गलियों में जन्मा चंदन मिश्रा एक आम ब्राह्मण परिवार का लड़का था। मध्यमवर्गीय सोच, सीमित साधन, और छोटे सपने लेकर पला-बढ़ा। माँ-बाप की उम्मीदें थीं कि बेटा पढ़-लिखकर कुछ बनेगा। पर धीरे-धीरे जो बनने लगा, वो किसी ने नहीं सोचा था। चंदन की आंखों में बचपन से ही कुछ खतरनाक सा…