पूर्व डीईओ के हांथों से छिन गई सहायक संचालक की कुर्सी

विंध्यभारत, रीवा

पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता का निलम्बन बहाल कर जीडी कार्यालय रीवा में सहायक संचालक पद में पदस्थ किया गया था। भ्रष्ट्रचार में संलिप्त होने के बाद भी इन्हें जेडी कार्यालय में सहायक संचालक बनाये जाने पर काफी विरोध शुरू हो गया था और लोग इन्हें सहायक संचालक पट से हटाने के लिये धरने पर बैठ गये थे जिसके चलते कमिश्नर ने आंदोलनकारियों को यह आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाये थे कि 15 दिन के अंदर सुदामालाल गुप्ता को जेडी कार्यालय से हटाकर कहीं अन्य जगह पदस्थ किया जायेगा।
दिये गये आश्वासन में खरा उतरते हुये कमिश्रर रीवा ने सुदामालाल गुप्ता को जेडी कार्यालय से हटाकर मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 2 में प्राचार्य के रूप में पदस्थ कर दिया है। बताया गया है कि सुदामालाल गुप्ता बुधवार के दोपहर 2 बजे मार्तण्ड स्कूल पहुंचकर पदभार भी संभाल लिया है।
सहायक संचालक बनते ही शुरू हो गया था विरोध
रीवा में 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्तियों के मामले में घिरे पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता को सहायक संचालक बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया था। एक प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर बी.एस. जामोद से मुलाकात कर उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। कमिश्नर से 15 दिन में कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद 12 नवंबर से चल रहा धरना अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था।
कमिश्नर ने संगठन द्वारा दिए गए ज्ञापन पर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। बैठक में यह बात प्रमुख रही कि अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में विभागीय जांच का सामना कर रहे और सहायक संचालक के पद पर पदस्थ पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी सुदामालाल गुप्ता को पद से हटाने की प्रक्रिया तय समय-सीमा में पूरी की गई है। उल्लेखनीय है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता और योजना अधिकारी अखिलेश मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था।
जारी आदेश के मुताबिक शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के 37 मामलों की जांच कराई गई थी। इसमें से 5 मामलों में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी दी गई थी। इन गड़बडिय़ों के चलते दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
कमिश्नर ने गंभीर अनियमितता के चलते दोनों अधिकारियों को पहले कारण बताओ नोटिस दिया था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन के आदेश जारी किए गए । गौरतलब है कि 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्तियां रद्द जांच में सामने आया कि 14 मार्च से 31 मई 2025 के बीच 5 नियुक्तियां अवैध तरीके से की गईं। इससे पहले एक मामला और सामने आ चुका है। कुल 6 नियुक्तियां अब तक रद्द की जा चुकी हैं। इन मामलों में जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पहले एक और बाद में अन्य 5 मामलों में अलग-अलग रिपोर्ट कराई गई ।
जांच समिति की रिपोर्ट पर 13 जून को इन 5 लोगों की नियुक्ति रद्द की गई। इनमें विनय कुमार रावत, ग्राम बरौं, सेमरिया, हीरामणि रावत, ग्राम जोड़ौरी, सुषमा कोल, ग्राम सोहागी,ऊषा देवी, ग्राम चंदेला और ओप्रकाश कोल, ग्राम खुंथी, उमरी गोविंदपुर के नियुक्ति आदेश निरस्त किए गए थे।
मृत महिला के नाम पर दी गई थी नौकरी पहले सामने आए केस में ‘बेलकली’ नाम की महिला कभी भी विभाग में कार्यरत नहीं रही। फिर भी उसके नाम पर बृजेश कुमार कोल को अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई। आवेदन 1 अप्रैल को हुआ और 17 अप्रैल को नौकरी दे दी गई थी। मामला सामने आने पर नियुक्ति रद्द कर दी गई।
इस मामले में डीईओ सुदामा गुप्ता ने बताया था कि प्राचार्य की अनुशंसा, मृतक कर्मचारी की यूनिक आईडी और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज फर्जी पाए गए। इसी कारण नियुक्ति आदेश निरस्त किए गए हैं।

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