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“उस वीर को जन्मदिन नमन, जिसने आज़ादी की पहली चिंगारी जलाई।”

शिवेंद्र तिवारी मेरा नाम मंगल पांडे है।मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरा नाम एक दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा, वो भी आज़ादी की पहली चिंगारी के रूप में।मैं कोई राजा नहीं था, कोई ज़मींदार या नेता भी नहीं।मैं तो एक गांव का बेटा था — उस भारत का बेटा, जो सदियों से…

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“गोलियों में लिखी गई आख़िरी इबारत — द चंदन मिश्रा स्टोरी”

शिवेंद्र तिवारी बक्सर की गलियों में जन्मा चंदन मिश्रा एक आम ब्राह्मण परिवार का लड़का था। मध्यमवर्गीय सोच, सीमित साधन, और छोटे सपने लेकर पला-बढ़ा। माँ-बाप की उम्मीदें थीं कि बेटा पढ़-लिखकर कुछ बनेगा। पर धीरे-धीरे जो बनने लगा, वो किसी ने नहीं सोचा था। चंदन की आंखों में बचपन से ही कुछ खतरनाक सा…

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“श्री प्रकाश शुक्ला: एक सवाल, जिसका जवाब आज भी अधूरा है”

✍️शिवेंद्र तिवारी श्री प्रकाश शुक्ला — नाम सुनते ही ज़हन में गोलियों की आवाज़ें गूंजती हैं, सीने में डर उतर आता है और उत्तर प्रदेश के उस दौर की तस्वीरें आंखों के सामने तैरने लगती हैं, जब कानून किताबों में और बंदूकें सड़कों पर राज कर रही थीं। लेकिन कभी कोई सोच भी नहीं सकता…

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